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- बड़ो से निकले आगे बच्चे...लगाई सुप्रीम कोर्ट मे याचिका.....
Posted by : achhiduniya
30 September 2015
“छोटा बच्चा जान के हमको ना सिखलाना रे...अक्ल का कच्चा जाने के हमको ना सिखलाना रे टू-पी-टू-पी-टप-टप” टू-पी-टू-पी-टप-टप” कल तक यह महज गाने की पंगतिया थी,लेकिन आज बच्चो ने जो किया उसे सुन कर आप को भी इस विषय की गंभीरता पर विचार करने के लिए विवश होना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में नियमों के मुताबिक नाबालिग अपने मूल अधिकारों की रक्षा के लिए अपने माता-पिता की सहायता से सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा सकते हैं।

भारतीय संविधान की के अनुच्छेद 32 में मिलता है। साथ ही ये याचिका राइट टू लाइफ जीवन जीने का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के हनन को लेकर लगाई गई है। न्यायिक इतिहास में पहली बार बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटाखे जलाने पर रोक लगवाना चाहते हैं। इस तरह की ये पहली याचिका है जब दो छह महीने के बालकों अर्जुन, गोपाल और 14 महीनें की जोया राव भासिन ने भारत के सबसे बड़े कोर्ट के सामने ये याचिका दर्ज करवाई है।
दशहरा और दीपावली के दौरान त्योहारों में आतिशबाजी व पटाखे फोड़े जाने से वातावरण मे बुरी तरह से धुंवा भर जाता है,जिसकी वजह से फेफड़ों संबंधी बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है।बच्चो ने अपनी याचिका में कहा है कि हमारे फेफड़े अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुए हैं और हम पटाखों से होने वाले प्रदूषण को सह नहीं सकते।
इन 6 माह के बच्चों की तरफ से ये याचिका उनके अधिवक्ता पिता ने दायर की है। बच्चों के पिता ने अपनी याचिका में प्रदूषण को मुख्य मुद्दे के रूप में दर्शाया है।