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- करपा और कडाकरपा बीमारी से फसलों को कैसे बचाए......?
Posted by : achhiduniya
01 October 2015
नागपुर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले निर्देश मिलते ही जिला प्रशासन ने भी फुर्ति दिखाते हुए कलेक्टर सचिन कुर्वे ने अधिकारियों की बैठक ली। करपा और कडाकरपा की बीमारी पर किए जानेवाले उपायों पर चर्चा की। इसकी जानकारी किसानों के लिए जारी कर दी। मौदा, पारशिवनी,
रामटेक, कामठी, भिवापूर,
उमरेड और कुही तहसील के धान उत्पादक क्षेत्र में धान की फसल को करपा और कडाकरपा बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले कुछ दिनों तक इस क्षेत्र की धान की फसल पर नजर रखें। करपा, कडाकरपा पर उपाय @ करपा की बीमारी के चपेट में आने पर धान की बालियां झुक जाती हैं। यह बीमारी फफूंदीजनक है।
इसके लक्षण दिखने पर कार्बेन्डाजिम 10 ग्राम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइट 25 ग्राम या ट्रायकोजोल 7 ग्राम या हिनोसान की 6 मिलीलीटर दवा का दस लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिडकाव करें।@ धान के क्षेत्र में बैक्टीरिया की वजह से कडाकरपा बीमारी बढ रही है इसलिए करपा बीमारी की दवा के साथ स्ट्रेप्ट्रोसायाक्लीन की 0.5 ग्राम दवा को दस लीटर पानी में मिलाकर दो-से तीन बार फसल पर छिडके धान पर खोड कीडा पाए जाने पर एक हेक्टेयर के क्षेत्र में कार्टाप हाईड्रोक्लोराइट 50 एस.पी. एक किलो या क्लोराननिलीप्रोल 18.5 एस.सी. की दवा 150 मिलीलीटर का छिडकांव करें।
@ धान की फसल पर तुडतुडा पाए जाने पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. की दवा 125 मिलीलीटर या एसिफेट 75 एस.पी. 700 ग्राम प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में छिडकें। गाद मक्खी पर काबू पाने के लिए फिप्रोनिल की दवा 0.3 प्रतिशत 25 किलो प्रति हेक्टेयर या दानेवाला फोरेट दस प्रतिशत दस किलो प्रति छिडकें। इस प्रकार फ़्स्लो को होने वाली नुकसान से बचाया जा सकता है।