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- बाजार अर्थव्यवस्था पर जीवित रहना होगा...... वित्त मंत्री अरुण जेटली
Posted by : achhiduniya
02 November 2015
भारत मे सबसे बडी ताकत चुनौतियों का सामना करने की
क्षमता है। हमारे प्रणालीगत बचाव उपाय ऐसे
होने चाहिए कि वैश्विक उतार-चढाव का मुकाबना करने की क्षमता और मजबूत हो। हम यदि सबसे तेजी से बढने वाली प्रमुख
अर्थव्यवस्था नहीं तो इसमें कोई सवाल नहीं कि हम तेजी से बढने वालों में से एक हैं।
राजस्व प्राप्ति के बारे में संकेत उम्मीद बढाने वाले दिखते हैं। वही रियल एस्टेट
कारोबार के लिए मंदी का दौर शीघ्र समाप्त होने की उम्मीद करते हुए वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने आज कहा कि इस क्षेत्र को बाजार अर्थव्यवस्था पर जीवित रहना होगा और
सब्सिडी उसके अस्तित्व का मूलाधार नहीं होनी चाहिए।
जेटली ने कहा कि जहां तक
भारतीय अर्थव्यवस्था का सवाल है, तो यह क्षेत्र आगामी महत्वपूर्ण कारक साबित होगा। उन्होंने
कहा कि आवास के लिए जमीन की आसान उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है जबकि ब्याज दरें तो
पहले ही नीचे आ गई हैं, ताकि कोष लागत को कम किया जा सके। रियल्टी क्षेत्र को बाजार अर्थव्यवस्था पर
आधारित होना चाहिए और उद्योगों के जीवित रहने का आधार सब्सिडी नहीं होनी चाहिए। मुद्रास्फीति
को नियंत्रण में किया जा चुका है और भारतीय रिर्जव बैंक ने ब्याज दरों में इस साल
चार बार पहले ही कटौती की है। यह क्षेत्र के लिए सकारात्मक कदम है और उम्मीद है कि ये कदम आगे भी बने रहेंगे।