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- क्या है.....?पोंसिबल [possible] और इम्पॉसिबल [impossible] मे अंतर........
Posted by : achhiduniya
01 November 2015
हम किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत ज्यादा प्लानिंग करते हैं। लेकिन आपका सबसे मजबूत पड़ाव आपकी अपनी योजना है। बिना किसी प्लान के आगे नहीं बढ़ा जा सकता। आपका लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए।आप किस भरोसे पर अपने लिए कुछ पाने की उम्मीद करते हैं। जब तक मन में उत्साह नहीं आता शरीर अपना कार्य नहीं करता।
आपने जो लक्ष्य निर्धारित किया है चाहे अधिक पैसे कमाने का हो,किसी मंजिल को पाने का हो,ज्यादा शौहरत,बड़ी कामयाबी,बड़ा नाम या कोई ऐसा मुकाम जिससे सभी आपको सलाम करे चाहे वह किसी भी एक क्षेत्र से संबन्धित हो।उसे आप एक सोने से पहले और एक बार सुबह उठने से बाद जरूर दौहराए। सोने से पहले अपने लक्ष्य को याद करना आपको यह बताएगा कि अभी आप कहाँ पहुंचे हैं। सुबह उठते ही ब्योरे को पढ़ना आपको बताएगा कि आज का काम कितना है और बचे हुए काम को कैसे आगे तक लेकर जाना है। और जब ये दोनों प्रक्रिया साथ-साथ चलती रहेगी तो आपके कदम कभी भी पीछे नहीं मुड़ेंगे।
जब आप हमेशा समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ते हुए आपने कार्य करने की ऊर्जा का सही जगह इस्तेमाल करेंगे तब आप एक निश्चित तारीख और समय पर अपने लक्ष्य को पा सकते है।सबसे महत्वपूर्ण बात जो अक्सर हम भूल जाते है कि प्रत्येक मानव के माध्यम से वह सुप्रीम शक्ति ही कार्य करती है। स्वयं को भगवान को सौंपने से ही कोई व्यक्ति अपनी चिंताओं और नकारात्मक भावनाओं से आसानी से छुटकारा पा लेता है। चूंकि, मानव भगवान के हाथो की एक कठपुतली मात्र है, इसलिए बीते समय का पछतावा और भविष्य से डरना व्यर्थ है।
उस सर्वव्यापी को पहचान लेने से ही मन और आत्मा की प्राकृतिक शांति बनी रहती है। आप हमेशा इस बात को याद रखते है तो आप निश्चित ही उत्साह, जोश और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते चले जायेंगे।