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- उत्पाद [टैक्स ] शुल्क के कारण बड़ती पेट्रोल और डीजल की किंमते.......
Posted by : achhiduniya
10 November 2015
सरकार ने अंतराष्ट्रीय कच्चे तेल के बाजार भाव के तहत पेट्रोल और डीजल के भावो को हर पंद्रह दिनो के भीतर संशोधित करने का निर्णय लिया था। वही अब सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल के दाम पर उसकी लागत से ज्यादा कर का बोझ पड रहा है। इस साल पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच बार बढोत्तरी की गई है। इस तरह अब कर व शुल्क पेट्रोल के उत्पादन की वास्तविक लागत से अधिक हो गए हैं। दिल्ली में पेट्रोल का खुदरा दाम 60.70 रुपए प्रति लीटर है, जिसमें करों और शुल्कों का योगदान 31.20 रुपए है।
सरकार ने 7 नवंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 40 पैसे प्रति लीटर बढाया है। पेट्रोलियम कंपनियों ने इस वृद्धि का बोझ उपभोक्ताओं पर न डालते हुए इसे खुद उठाया है। सरकार ने वर्ष 2014-15 में पेट्रोलियम क्षेत्र से 99184 करोड रुपए का उत्पाद शुल्क जुटाया था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 33042 करोड रुपए था। पेट्रोल पर 24.75 उत्पादन लागत, 2.49 कंपनी का मार्जिन,19.06 केंद्रीय उत्पाद शुल्क,2.26 डीलर का कमीशन,12.14 वैट या बिक्री कर होता है वही डीजल पर 24.86 उत्पादन लागत, 2.19 कंपनी का मार्जिन ,10.66
उत्पाद शुल्क, 1.43 डीलर का कमीशन, 6.79 वैट या बिक्री कर कुल 45.93 /लीटर आंकडे दिल्ली में अक्तूबर माह के कुल 60.70/लीटर दाम वृद्धि का गणित /लीटर पर होता है। यह जानकारी जन समुदाय को जानकारी देने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।