- Back to Home »
- Agriculture / Nature »
- मनुष्यो और पक्षियो मे होती है एक जैसी ध्व्नी तरंग प्रक्रिया........
Posted by : achhiduniya
06 December 2015
मनुष्यो और पशु-पक्षियो मे अनेक समानताए पाई जाती है,जितनी गहराई से अध्यन किया जाए तो बहुत ही चौकाने वाली जानकारी सामने आती है। हाल ही मे किए गए साउदर्न डेनमार्क विश्वविद्यालय के शोध विज्ञानी कोएन एलीमेन्स के मुताबिक वैज्ञानिकों ने पांच एवियन समूह के छह भिन्न प्रजातियों के पक्षियों का अध्ययन किया। इसमें सबसे छोटा पक्षी 'जेब्रा फिंच' और सबसे बड़ा पक्षी 'ऑस्ट्रिच' भी शामिल था। इस अध्ययन में पता चला कि सभी पक्षी ध्वनि उत्पन्न करने के लिए मानव की तरह ही एमईएडी क्रियाविधि अपनाते हैं।
मानव जाति आवाज निकालने, बोलने या गाना गाने के लिए मायोइलास्टिक एरोडायनेमिक थ्योरी का उपयोग करते हैं, जिसे एमईएडी क्रियाविधि भी कहा जाता है। मानव की कंठ नली में फेफड़ों से होकर जाने वाली हवा वोकल कॉर्ड स्वर तंत्रिका को छूकर गुजरती है, जिससे स्वर तंत्रिका में कंपन उत्पन्न होता है। प्रत्येक कंपन के साथ गला हवा के प्रवाह को रोकने और शुरू करने के साथ खुलता व बंद होता रहता है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।पक्षी कंठ नली लैरिंक्स से ध्वनि उत्पन्न नहीं करते हैं, बल्कि वे ध्वनि उत्पन्न करने के लिए सीरिंक्स का उपयोग करते हैं, जो मांसपेशियों की कई परतों के नीचे होता है, इसलिए इसका अध्ययन काफी जटिल माना जाता है।