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- सफलता का छुपा रहस्य............
Posted by : achhiduniya
11 December 2015
आप किसी काम को देखकर सोचते हैं कि आप उसे नहीं कर
सकते तो वाकई आप उसे नहीं कर पाते। अगर आप सोच लेते हैं कि आप कर सकते हैं तो उसे करने
में अपनी सारी ताकत लगा देते हैं। जिससे आप उस काम मे कामयाबी पाते है।लक्ष्य को बांटने के बाद किसी एक टुकडे पर न उलझें।
काम को पूरा करना जितना जरूरी है,
उतना ही जरूरी उसे तय समय में पूरा करना है। छोटे
कामों में देरी बडे काम को समय पर पूरा होने ही नहीं देगी।अगर आपको तय लक्ष्य बहुत
बडा लगे तो उसे टुकडों में बांट लें।
इसे इस तरह समझें कि अगर आपको कोई बडा कमरा
साफ करना है तो उसके
छोटे-छोटे हिस्सों को साफ करने का नए तरीके यूज में लें सफल
होने के लिए आपको घिसे-पिटे ढरें पर चलने के बजाय खुद के लिए नए तरीके इस्तेमाल
करने चाहिए। अगर आप नए तरीके से अपने काम पूरे करेंगे तो सफलता मिलेगी। जीवन में
सफलता चाहते हैं तो सबकी मदद लेने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आप शर्म या संकोच
के कारण किसी व्यक्ति से मदद मांगने से घबराएंगे तो जीवन में आगे नहीं बढ पाएंगे। किसी
भी संस्थान में प्रवेश पाने के लिए आपकी योग्यता, कौशल और सर्टिफिकेट की तरह आवेदन पत्र में लिखा
रेफरेंस भी बहुत काम करता है।
रेफरेंस एक कैंडिडेट की सत्यनिष्ठा को मजबुत करने के
अलावा उसकी कीमत भी बढाता है। यह तभी संभव
है जब सही रेफरेंस का यूज सही कैंडीडेट करे। उन्ही का रेफरेंस दे जिन्हे आप लंबे
समय से जानते है और वे आपकी कार्यकुशलता से परिचित है। कई बार ऐसा होता है कि आप
अपने किसी दोस्त की जॉब से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि उसी सेक्टर में जॉब पाने
की कोशिश शुरू कर देते हैं। यह वाकई गलत है।
इससे आगे चलकर नुकसान आपको ही होगा।
आपके दोस्त ने अपनी पसंद के आधार पर अपने कॅरियर की चुनाव किया था। आपको भी अपनी
योग्यताओं और पसंद के आधार पर ही करियर का चुनाव करना चाहिए।