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सराफा,जौहरी या कारीगर का वार्षिक कारोबार 6 करोड रुपए से अधिक देना होगा पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क : जेटली
Posted by : achhiduniya
29 April 2016
वित्त
मंत्री ने आभूषणों पर उत्पाद शुल्क को तर्कसंगत बताते हुए यह भी साफ कर दिया कि
सरकार की पारंपरिक कारीगर को तकलीफ देने की कोई मंशा नहीं है लेकिन अब लोगों को
विलासिता की वस्तुओं पर शुल्क देने की आदत डाल लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि
विलासिता की वस्तुओं पर कर नहीं दिया जाएगा तो इसका बोझ आवश्यक वस्तुओं पर जोडकर
लोगों से वसूला जाएगा। जेटली ने कांग्रेस के राज बब्बर के गैर चांदी आभूषणों पर एक
प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने से सर्राफा व्यापारियों में रोष पर राज्यसभा में
लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि यह गलत प्रचार किया जा रहा
है कि इससे छोटे जौहरी और इस क्षेत्र में काम करने वाले दस्तकार तथा कारीगर
प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी छोटे जौहरी या कारीगर का वार्षिक कारोबार
6 करोड रुपए से अधिक नहीं है। जौहरियों के पंजीकरण की तिथि बढी।
जेटली ने कहा कि जौहरियों को परेशानी न हो इसलिए सरकार ने अर्थशास्त्री अशोक लाहिडी के नेतृत्व में एक समिति बनाई है और इसमें सुनारों के भी तीन प्रतिनिधि रहेंगे। सरकार इस समिति की सिफारिशों के आधार पर आगे भी कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके दायरे में आने वाले जौहरियों के पंजीकरण की तिथि बढाकर 30 जून तक कर दी है। अब तक केवल 206 जौहरियों ने ही अपना पंजीकरण कराया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज साफ शब्दों में कहा कि गैरचांदी आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क केवल 6 करोड रुपए से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले जौहरियों पर लगाया गया है और इसे वापस नहीं लिया जाएगा, साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी जौहरी को जांच के नाम पर परेशान नहीं किया जाएगा।
जेटली ने कहा कि जौहरियों को परेशानी न हो इसलिए सरकार ने अर्थशास्त्री अशोक लाहिडी के नेतृत्व में एक समिति बनाई है और इसमें सुनारों के भी तीन प्रतिनिधि रहेंगे। सरकार इस समिति की सिफारिशों के आधार पर आगे भी कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके दायरे में आने वाले जौहरियों के पंजीकरण की तिथि बढाकर 30 जून तक कर दी है। अब तक केवल 206 जौहरियों ने ही अपना पंजीकरण कराया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज साफ शब्दों में कहा कि गैरचांदी आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क केवल 6 करोड रुपए से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले जौहरियों पर लगाया गया है और इसे वापस नहीं लिया जाएगा, साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी जौहरी को जांच के नाम पर परेशान नहीं किया जाएगा।