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- कैसे एक साथ चलती और सिग्नल देती है.......जाने नन्ही चींटीयों से........
Posted by : achhiduniya
29 April 2016
प्रकृति
ने सभी जीव-जंतुओं को दिशा ज्ञान और आपस में संपर्क की सार्मथ्य दी है। मधुमक्खियां
अपने छत्ते के आस-पास एक तरह की महक फैलाती हैं ताकि उनकी साथी मधुमक्खियां रास्ते
से न भटकें। चींटियां दिशा ज्ञान के लिए फैरोमोंस रसायन की मदद लेती हैं। वे
सामाजिक प्राणी हैं और मिलकर काम करती हैं। उन्हें अपने भोजन के लिए अपने बिल से
दूर बाहर जाना होता है। उनके पास कोई नक्शा नहीं होता। वे अपने शरीर से एक प्रकार
का सेंट जमीन पर छोडती जाती हैं। शेष चीटियां अपनी नेता के पीछे चलती जाती हैं। चींटियों
की ग्रंथियों से इस रसायन का स्राव होता है। यह स्राव दूसरी चींटियों को रास्ता
बताने का काम करता है।
इस रसायन की महक ज्यादा देर टिकती नहीं है इसलिए पीछे आने वाली चींटियां उसे ताजा बनाए रखने के लिए उस पर फैरोमोंस लगाती हुई एक के पीछे एक चलती रहती हैं।चींटियों के दो स्पर्शश्रंगिकाएं या एंटीना होते हैं जिनसे वे सूंघने या टोह लेने का काम करती हैं। रानी चींटी भोजन की तलाश में निकलती है तो फैरोमोंस छोडती जाती है। दूसरी चींटियां अपने एंटीना से उसे सूंघती हुई रानी चींटी के पीछे-पीछे चलती हैं। जब रानी चींटी फैरोमोंस बनाना बंद कर देती है तो चीटियां, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं। फैरोमोंस का इस्तेमाल दूसरी जगह भी होता है। कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के लिए फैरोमोंस का रिसाव करती है जिससे बाकी चींटियां सतर्क हो जाती हैं।
इस रसायन की महक ज्यादा देर टिकती नहीं है इसलिए पीछे आने वाली चींटियां उसे ताजा बनाए रखने के लिए उस पर फैरोमोंस लगाती हुई एक के पीछे एक चलती रहती हैं।चींटियों के दो स्पर्शश्रंगिकाएं या एंटीना होते हैं जिनसे वे सूंघने या टोह लेने का काम करती हैं। रानी चींटी भोजन की तलाश में निकलती है तो फैरोमोंस छोडती जाती है। दूसरी चींटियां अपने एंटीना से उसे सूंघती हुई रानी चींटी के पीछे-पीछे चलती हैं। जब रानी चींटी फैरोमोंस बनाना बंद कर देती है तो चीटियां, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं। फैरोमोंस का इस्तेमाल दूसरी जगह भी होता है। कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के लिए फैरोमोंस का रिसाव करती है जिससे बाकी चींटियां सतर्क हो जाती हैं।