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- पानवाला, चायवाला भी पूछ रहा है मिसाइल के बारे में........आर टी आई के तहत
Posted by : achhiduniya
29 April 2016
सूचना
अधिकार कानून (आरटीआई) को एक दशक पहले संसद में सभी दलों की सहमति से पारित किया गया था। आज उसी
कानून के दुरुपयोग किए जाने पर राज्यसभा में सभी दलों में नाराजगी देखी गई। राकांपा
के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने यहां तक कह दिया कि पानवाला और चायवाला भी मिसाइल के
बारे में पूछ लेता है। उस समय सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। पटेल
के इतना कहने पर सदन में ठहाके गूंजे और प्रधानमंत्री भी मुस्कराए, मगर बात यहीं नहीं रुकी। पटेल ने
कहा, महज 10 रुपए में कोई आदमी कुछ भी
जानना चाहता है। पानवाले और चायवाले भी मिसाइल के बारे में जानना चाहते हैं। इस पर
कांग्रेस के सांसद विजय दर्डा ने चुटकी लेते हुए पूछा, प्रफुल्ल
भाई, कौन-से चायवाले की बात कर रहे हो?तभी
सभी का ध्यान सदन में मौजूद प्रधानमंत्री की ओर गया। अनजाने में फिसली जुबान को
संभालते हुए पटेल ने तत्काल कहा, मैंने दूसरे लहजे में बोला
था। यह सुनते ही प्रधानमंत्री जोर से हंसे और फिर पूरे सदन में ठहाके लगे। हालांकि
इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने पटेल के बयान पर ऐतराज जताया कि यह एक तरह से गरीबों
का मजाक उडाने जैसा है और खुलेआम समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए बताया, आरटीआई के तहत जानकारी मांगने के मामलों में तीन गुना बढोत्तरी हुई है। साथ ही जानकारी देने से जुडे लंबित मामलों की संख्या में काफी कमी आई है। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री को दिया। प्रश्नोत्तर काल के दौरान जब सूचना अधिकार कानून के अंतर्गत जानकारी देने में विलंब होने को लेकर चर्चा हो रही थी तो कांग्रेस के राजीव शुक्ला, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल और पटेल ने आरटीआई के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, इसके माध्यम से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। अधिकारीगण कोई टिप्पणी लिखने से पहले आरटीआई के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। इसलिए सरकार को इस कानून के दुरुपयोग पर पाबंदी लगाने के लिए कुछ प्रावधान करने चाहिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जवाब देते हुए बताया, आरटीआई के तहत जानकारी मांगने के मामलों में तीन गुना बढोत्तरी हुई है। साथ ही जानकारी देने से जुडे लंबित मामलों की संख्या में काफी कमी आई है। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री को दिया। प्रश्नोत्तर काल के दौरान जब सूचना अधिकार कानून के अंतर्गत जानकारी देने में विलंब होने को लेकर चर्चा हो रही थी तो कांग्रेस के राजीव शुक्ला, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल और पटेल ने आरटीआई के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, इसके माध्यम से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। अधिकारीगण कोई टिप्पणी लिखने से पहले आरटीआई के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। इसलिए सरकार को इस कानून के दुरुपयोग पर पाबंदी लगाने के लिए कुछ प्रावधान करने चाहिए।