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- दिल की आवाज सुनें खुद को समझें...........
Posted by : achhiduniya
19 April 2016
अकेला
होने और अकेलापन महसूस करने में फर्क है। आप भीड में भी अकेले हो सकते हैं, लेकिन अगर आप खुद के साथ हैं तो आप कभी अकेले नहीं होंगे, खुद को व्यस्त रखिए। यह अकेलेपन के अहसास को दूर करने में सबसे रचनात्मक
तरीका है। दिल में हुआ घाव ज्यादा दर्द देता है इसलिए जितना जल्दी हो सके, इस दर्द को हर हाल में दूर करने की कोशिश करें। एक बार किसी भी काम में
नाकामयाबी मिलने पर हम खुद को बेकार और नाकारा महसूस करने लगते हैं और आगे भी लाइफ
में कभी भी ऐसी नकारात्मक स्थिति होने पर कोशिश करें कि जल्द से जल्द इस दिक्कत से
बाहर हो जाएं। दरअसल, जैसा हम सोचते हैं हमारा दिमाग वैसे ही
काम करने लगता है इसलिए जिन बातों या चीजों से आपको डर लगता है, उन्हें दिमाग से दूर रखें। लाइफ में आगे बढने के लिए प्लानिंग करना शुरू
करें, खुद को बिजी रखें। इमोशनल फीलिंग को कम करें। आपका
आत्मसम्मान एक तरह से इमोशनल इम्यून सिस्टम की तरह है, जो
आपके लचीलेपन को बढाता है और स्ट्रेस और चिंता से बचाता है। आप अपने दिमाग में जिस
भी तरह से विचार रखेंगे, उसी तरह से आप इमोशनली स्ट्रांग
होंगे। इसलिए अच्छे विचारों को दिल में
जगह दें।
नेगेटिव विचारों से दूरी बनाए रखें और कोशिश करें कि दिल और दिमाग पर गलत विचार हावी न हो। रिजेक्शन भी जरूरी है। किसी तरह के रिजेक्शन के बाद खुद को फिर से पॉजिटिव बनाए रखना थोडा मुश्किल है, लेकिन यह जरूरी है। एक बार असफलता मिलने के बाद हम खुद को बेघर और किसी तरह के काम के लायक नहीं समझते, लेकिन ऐसा नहीं है। लाइफ में उठने के लिए रिजेक्शन भी जरूरी है, इसलिए आपको जहां से भी जैसे भी रिजेक्शन मिला है, उसे सही और पॉजिटिव तरीके से लें। इससे लाइफ में आगे बढने की प्रेरणा मिलती है। इन सबके अलावा रिजेक्शन से निकलने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को एक अच्छे दोस्त की तरह ट्रीट करें। दिल की आवाज सुनें, खुद को समझें और खुद का ही सपोर्ट करें। सबसे पहले आपको अपने बारे में पता हो भावुकता को कम करें। फैमिली के साथ समय बिताएं। अकेलेपन से बाहर निकलें।
नेगेटिव विचारों से दूरी बनाए रखें और कोशिश करें कि दिल और दिमाग पर गलत विचार हावी न हो। रिजेक्शन भी जरूरी है। किसी तरह के रिजेक्शन के बाद खुद को फिर से पॉजिटिव बनाए रखना थोडा मुश्किल है, लेकिन यह जरूरी है। एक बार असफलता मिलने के बाद हम खुद को बेघर और किसी तरह के काम के लायक नहीं समझते, लेकिन ऐसा नहीं है। लाइफ में उठने के लिए रिजेक्शन भी जरूरी है, इसलिए आपको जहां से भी जैसे भी रिजेक्शन मिला है, उसे सही और पॉजिटिव तरीके से लें। इससे लाइफ में आगे बढने की प्रेरणा मिलती है। इन सबके अलावा रिजेक्शन से निकलने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को एक अच्छे दोस्त की तरह ट्रीट करें। दिल की आवाज सुनें, खुद को समझें और खुद का ही सपोर्ट करें। सबसे पहले आपको अपने बारे में पता हो भावुकता को कम करें। फैमिली के साथ समय बिताएं। अकेलेपन से बाहर निकलें।