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आजीविका के लिए सडकों पर भीख मांगने या कोई अस्वीकार्य काम करने से अच्छा है कि महिलाएं स्टेज पर डांस करें..... उच्चतम न्यायालय
Posted by : achhiduniya
25 April 2016
महाराष्ट्र
सरकार ने डांस बारों की ओर से कुछ शर्तो को न मानने की दलील देकर उन्हें लाइसेंस देने से
इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ
ने डांस बारों को लाइसेंस देने के लिए तय की गई कुछ पूर्व शर्तो पर गौर किया और
कहा,
बाद की शर्तो की बराबरी पहले की शर्तो से नहीं की जा सकती। पीठ ने
कहा, आजीविका के लिए सडकों पर भीख मांगने या कोई अस्वीकार्य काम
करने से अच्छा है कि महिलाएं स्टेज पर डांस करें। न्यायालय ने कहा कि सरकार को कार्यस्थल पर
महिलाओं की गरिमा का संरक्षण करना होगा।
शीर्ष न्यायालय ने कहा, पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद की यह दलील मान ली कि राज्य सरकार को सुनिश्चित करना है कि डांस बारों में कोई 'अश्लीलता' न हो और महिलाओं की गरिमा वहां सुरक्षित रहे। विवादित शर्तो पर न्यायालय ने डांस बार मालिकों और पुलिस से कहा कि जिन शर्तो पर आपसी सहमति बनी थी, उसका पालन करें। उच्चतम न्यायालय ने डांस बारों को लाइसेंस न देने के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को कडी फटकार लगाते हुए कहा कि गुजर-बसर के लिए सडकों पर भीख मांगने या कोई 'अस्वीकार्य' काम करने से अच्छा है कि महिलाएं स्टेज पर डांस करें.
शीर्ष न्यायालय ने कहा, पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद की यह दलील मान ली कि राज्य सरकार को सुनिश्चित करना है कि डांस बारों में कोई 'अश्लीलता' न हो और महिलाओं की गरिमा वहां सुरक्षित रहे। विवादित शर्तो पर न्यायालय ने डांस बार मालिकों और पुलिस से कहा कि जिन शर्तो पर आपसी सहमति बनी थी, उसका पालन करें। उच्चतम न्यायालय ने डांस बारों को लाइसेंस न देने के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को कडी फटकार लगाते हुए कहा कि गुजर-बसर के लिए सडकों पर भीख मांगने या कोई 'अस्वीकार्य' काम करने से अच्छा है कि महिलाएं स्टेज पर डांस करें.