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- सूखे का समाधान नदियों को जोडने में हैं........ जल संसाधन मंत्री उमा भारती
Posted by : achhiduniya
28 April 2016
देश
में सूखे तथा उसके कारण उत्पन्न जलसंकट की गंभीर स्थिति और इससे निपटने के लिए
सरकार द्वारा किए गए उपायों पर राज्यसभा में आज करीब तीन घंटे तक चर्चा चली। सरकार
ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बार-बार सूखे की
स्थिति का मुकाबला करने के लिए सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कृषि
मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि 91 वृहत एवं लघु सिंचाई परियोजनाएं 20
से 25 वर्ष से लंबित पडी हुई हैं। सरकार ने इस
वर्ष 23 परियोजनाओं पूरा करने का संकल्प लिया है और इसके लिए
12700 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं। इसी तरह से 40 अन्य
परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 20 हजार करोड रुपए की
व्यवस्था की गयी है।वहीं जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि सूखे का समाधान
नदियों को जोडने में हैं और सरकार इस दिशा में पूरे जोर-शोर से काम कर रही है।
केन-बेतवा नदी को इस वर्ष आपस में जोड दिया जाएगा। इससे बुंदेलखंड में पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। इसी तरह महानदी-गोदावरी को आपस में जोडने पर भी सहमति बन गई है। कांग्रेस, सपा और जदयू के सदस्यों ने मंत्रियों के जवाब से असंतोष व्यक्त करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार का पूरा जवाब राजनीति से प्रेरित है और उसके पास सूखे से निपटने की कोई योजना नहीं है। सपा के सदस्यों ने भी जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए नारेबाजी की। जदयू ने पेयजल पर सरकार से अलग से बयान की मांग की।
केन-बेतवा नदी को इस वर्ष आपस में जोड दिया जाएगा। इससे बुंदेलखंड में पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। इसी तरह महानदी-गोदावरी को आपस में जोडने पर भी सहमति बन गई है। कांग्रेस, सपा और जदयू के सदस्यों ने मंत्रियों के जवाब से असंतोष व्यक्त करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार का पूरा जवाब राजनीति से प्रेरित है और उसके पास सूखे से निपटने की कोई योजना नहीं है। सपा के सदस्यों ने भी जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए नारेबाजी की। जदयू ने पेयजल पर सरकार से अलग से बयान की मांग की।