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- राजीव गांधी ने राम मंदिर (बाबरी मस्जिद) का ताला खुलवा दिया था........ सुब्रह्मण्यम स्वामी
Posted by : achhiduniya
20 April 2016
भाजपा
नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने यहां 'अयोध्या में श्रीराम मंदिर क्यों और
कैसे?' विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, मैं राजीव गांधी को बहुत अच्छी तरह जानता था। अगर वह दोबारा प्रधानमंत्री
बनते तो उन्होंने निश्चित स्थान पर राम मंदिर का निर्माण करा दिया होता। उन्होंने
कहा, उन्होंने राम मंदिर (बाबरी मस्जिद) का ताला खुलवा दिया
था और राम मंदिर के लिए शिलान्यास कार्यक्रम की अनुमति दे दी थी। भाजपा नेता ने
कहा कि राजीव गांधी ने रामराज्य की अवधारणा को लागू करना शुरू किया था लेकिन उनके
असामयिक निधन से चीजें बदल गईं। स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को अदालत में घसीटा है। भाजपा नेता
ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के
निर्माण का रास्ता साफ करेगा। निर्माण कार्य मौजूदा साल के आखिर में शुरू हो सकता
है।
यह पूछे जाने पर कि देश को स्कूल, अस्पताल, सडक और शौचालयों की अधिक आवश्यकता है या राम मंदिर की तो उन्होंने कहा, यह (विकास) सरकार का काम है और सरकार सही तरीके से काम कर रही है। सरकार उसका खयाल रखेगी। मुझे मेरा काम (मंदिर निर्माण के लिए प्रयास का काम) करने दें। आम सहमति बनाने का प्रयास जारी है। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में रोजाना आधार पर बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई किए जाने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मामले में शामिल मुस्लिम नेताओं से प्रस्ताव पर चर्चा की थी और सिद्धांत रूप में वो सहमत भी हो गए थे। हालांकि, जब अदालत में प्रस्ताव का सर्मथन करने की बारी आई तो वे 'चुप' रह गए।
यह पूछे जाने पर कि देश को स्कूल, अस्पताल, सडक और शौचालयों की अधिक आवश्यकता है या राम मंदिर की तो उन्होंने कहा, यह (विकास) सरकार का काम है और सरकार सही तरीके से काम कर रही है। सरकार उसका खयाल रखेगी। मुझे मेरा काम (मंदिर निर्माण के लिए प्रयास का काम) करने दें। आम सहमति बनाने का प्रयास जारी है। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में रोजाना आधार पर बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई किए जाने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मामले में शामिल मुस्लिम नेताओं से प्रस्ताव पर चर्चा की थी और सिद्धांत रूप में वो सहमत भी हो गए थे। हालांकि, जब अदालत में प्रस्ताव का सर्मथन करने की बारी आई तो वे 'चुप' रह गए।