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- कहा है सिर के बल खड़े बजरंगबली की मूर्ती..........?
Posted by : achhiduniya
23 April 2016
रामायण के एक प्रसंग अनुसार, जब भगवान श्रीराम और रावण का युद्ध
हो रहा था। तब रावण के मित्र पातालराज अहिरावण ने एक चाल चली। उसने वेश बदल कर
स्वयं को राम की सेना में शामिल कर लिया।एक रात्रि जब समय सभी लोग सो रहे थे,
तब अहिरावण ने अपनी मायावी शक्ति से श्रीराम और लक्ष्मण को मूर्छित
कर उनका अपहरण कर लिया। वह उन्हें पाताल लोक ले गया। वानर सेना में इस बात का पता
चलने पर हड़कंप मच गया। सभी विचलित हो गए।तब एक कपोत-कपोती (कबूतर) के वार्तालाप से
हनुमान जी पता चलता है कि भगवान राम और लक्ष्मण जी को अहिरावण पाताल ले गया है,
जहां उनकी बलि देने की तैयारी चल रही है।तब हनुमान जी उन दोनों की
खोज में पाताल लोक पहुंच जाते हैं और भगवान राम और लक्ष्मण सहित अहिरावण से युद्ध
कर उसका नाश कर देते हैं। इस प्रकार श्री राम और लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा करते
हैं और उन्हें पाताल से निकाल कर सुरक्षित बाहर ले आते हैं हिन्दू धर्मग्रंथों में बल और बुद्धि के देवता माने जाने वाले हनुमान
जी की खड़ी और बैठी हुई मूर्ति प्राय:सभी मंदिरों में मिलती है।
इलाहाबाद के संगम,नागपुर के जाम सावली मंदिर जैसे एक-दो स्थानों पर उनकी लेटी हुई प्रतिमा भी है।लेकिन सिर के बल खड़े हनुमान जी प्रतिमा न केवल दुर्लभ बल्कि अप्राप्य ही है। भारत में ऐसा एक मंदिर ही है।यह मंदिर मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी कही जाने वाली इंदौर शहर से 25 किलोमीटर दूर उज्जैन रोड पर स्थित सांवेर नामक स्थान पर है।इस मंदिर में बजरंगबली की उल्टी प्रतिमा स्थापित है।यह प्रतिमा संभवतया हनुमान जी की विश्व में इकलौती उल्टी प्रतिमा है। अनेक लोगों का मानना है कि इंदौर के सांवेर स्थित उल्टे हनुमान मंदिर में स्थापित यह प्रतिमा हनुमान जी द्वारा उनके पाताल विजय की प्रतीक है।इसी प्रकार अनेक लोगों का यह भी मानना है कि सांवेर ही वह स्थान था, जहां से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे।
जब हनुमान जी पाताल लोक जा रहे थे, तब उस समय हनुमान जी के पांव आकाश की ओर और सिर धरती की ओर था। यही कारण है कि यहां उनके इस उल्टे रूप की पूजा की जाती है।देश भर से हनुमानजी में आस्था रखने वाले लोग इस मंदिर में उनके दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में हनुमान जी के साथ भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और शिव-पार्वती की भी मूर्तियां विराजमान हैं।
इलाहाबाद के संगम,नागपुर के जाम सावली मंदिर जैसे एक-दो स्थानों पर उनकी लेटी हुई प्रतिमा भी है।लेकिन सिर के बल खड़े हनुमान जी प्रतिमा न केवल दुर्लभ बल्कि अप्राप्य ही है। भारत में ऐसा एक मंदिर ही है।यह मंदिर मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी कही जाने वाली इंदौर शहर से 25 किलोमीटर दूर उज्जैन रोड पर स्थित सांवेर नामक स्थान पर है।इस मंदिर में बजरंगबली की उल्टी प्रतिमा स्थापित है।यह प्रतिमा संभवतया हनुमान जी की विश्व में इकलौती उल्टी प्रतिमा है। अनेक लोगों का मानना है कि इंदौर के सांवेर स्थित उल्टे हनुमान मंदिर में स्थापित यह प्रतिमा हनुमान जी द्वारा उनके पाताल विजय की प्रतीक है।इसी प्रकार अनेक लोगों का यह भी मानना है कि सांवेर ही वह स्थान था, जहां से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे।
जब हनुमान जी पाताल लोक जा रहे थे, तब उस समय हनुमान जी के पांव आकाश की ओर और सिर धरती की ओर था। यही कारण है कि यहां उनके इस उल्टे रूप की पूजा की जाती है।देश भर से हनुमानजी में आस्था रखने वाले लोग इस मंदिर में उनके दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में हनुमान जी के साथ भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और शिव-पार्वती की भी मूर्तियां विराजमान हैं।