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- संजीवनी बूटी से कम नही प्याज........
Posted by : achhiduniya
18 May 2016
गर्मी
के दिनो अक्सर घर के बड़े बुजुर्गो को यह कहते सुना है की धूप मे निकलो तो प्याज
जेब मे जरूर रखना इस पर उनका तर्क होता था की शरीर पर सूर्य की तपन का असर नही पड़ता। भारत ही नहीं
वरन संसार भर में शायद ही कोई व्यंजन हो, जहां कमोबेश प्याज की आवश्यकता न पडती हो।
वैसे यह डाइनिंग टेबल की शोभा सलाद के रूप में तो बढाता ही है। प्याज में जितनी परतें हैं उससे कहीं ज्यादा
इसमें गुण होते हैं। लाल प्याज ताकतवर, गले के रोगों में
लाभकारी और पाचक होती है। यह चर्म रोगों के लिए ज्यादा लाभकारी सिद्ध हुआ है।
प्याज के रस को तिल्ली के तेल में फेंट कर लगाने से चर्म रोग दूर होता है। प्याज
का रस रम में मिलाकर बालों में लगाने से बालों का झडना बंद हो जाता है। प्याज को
भूनकर उसका पेस्ट बनाकर लगाने से फटे हाथ-पांव को काफी लाभ होता है। भूने हुए
प्याज में हल्दी और घी मिलाकर इस मिश्रण को गर्म लगाने से फोडों का दर्द गायब हो जाता
है तथा काफी आराम मिलता है। दो चम्मच प्याज का रस पीलिया के रोगियों के लिए बहुत
लाभकारी होता है।
तंबाकू का व्यसन करने वालों को कभी-कभी प्याज का रस पीना चाहिए। प्याज के छोटे-छोटे टुकडे काटकर पूरी तरह न जमे मीठे दही में मिलाकर खाने से एसिडिटी से परेशान लोगों को राहत मिलती है। यही मिश्रण दस्त में भी काफी उपयोगी सिद्ध होता है। प्याज का रस तथा उसी मात्रा में सिरके का मिश्रण झाइयों के लिए एक उपयोगी इलाज है। किए गए शोध के अनुसार प्याज गुर्दे की खराबी, इन्फ्लूएंजा, खांसी और पेशाब का कम आना जैसी बीमारियों में अचूक दवा है। आधुनिक अनुसंधान के मुताबिक प्याज में रक्त की चिकनाई के स्तर को सामान्य रखने का असाधारण गुण होता है। यदि प्याज का जरा भी अंश पेट में हो तो गर्मी में कभी भी लू नहीं लगती। लकवा और दिल के मरीजों को भी प्याज का अधिक सेवन करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।
तंबाकू का व्यसन करने वालों को कभी-कभी प्याज का रस पीना चाहिए। प्याज के छोटे-छोटे टुकडे काटकर पूरी तरह न जमे मीठे दही में मिलाकर खाने से एसिडिटी से परेशान लोगों को राहत मिलती है। यही मिश्रण दस्त में भी काफी उपयोगी सिद्ध होता है। प्याज का रस तथा उसी मात्रा में सिरके का मिश्रण झाइयों के लिए एक उपयोगी इलाज है। किए गए शोध के अनुसार प्याज गुर्दे की खराबी, इन्फ्लूएंजा, खांसी और पेशाब का कम आना जैसी बीमारियों में अचूक दवा है। आधुनिक अनुसंधान के मुताबिक प्याज में रक्त की चिकनाई के स्तर को सामान्य रखने का असाधारण गुण होता है। यदि प्याज का जरा भी अंश पेट में हो तो गर्मी में कभी भी लू नहीं लगती। लकवा और दिल के मरीजों को भी प्याज का अधिक सेवन करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।