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- संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंहजी....बुधवार को होंगे पंचतत्व मे विलीन
Posted by : achhiduniya
15 May 2016
संत निरंकारी
मिशन के प्रमुख 62 साल के बाबा हरदेव सिंहजी का जन्म पिता गुरबचन
सिंहजी और माता कुलवंत कौर के घर 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में हुआ था।बाबा हरदेव सिंहजी की प्राथमिक शिक्षा रोजरी पब्लिक स्कूल
में हुई थी, जो वर्तमान में संत निरंकारी कालोनी, दिल्ली में स्थित है।बाबा हरदेव सिंहजी ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पटियाला
स्थित यादविंद्रा पब्लिक स्कूल से सन 1963 में पूरी की थी,
जबकि उच्च शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की।जब बाबा हरदेव सिंहजी दिल्ली
यूनिवर्सिटी से उच्च प्राप्त कर रहे थे, तो उनके मित्र उनकी सादगी
और आध्यात्मिकता के प्रति रुझान देख कर उन्हें ‘बाबा भोला’ के नाम से बुलाते थे।
सन 1929 में संत निरंकारी मिशन की औपचारिक स्थापना बाबा बुटासिंहजी ने की थी, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें सन 1914 में निरंकारी ज्ञान प्राप्त हुआ था। पिता सतगुरु गुरबचन सिंह की हत्या के बाद बाबा हरदेव सिंह ने निरंकारी मिशन की गद्दी सन 1980 में संभाली थी। उनके पिता की हत्या उग्रवादियों ने कर दी थी।वे निरंकारी सेवा दल में एक प्राथमिक सदस्य के रूप में सन 1971 में शामिल हुए थे। पिता की असामयिक मृत्यु के बाद 26 साल की छोटी उम्र में उन्हें गुरु गद्दी सौंप दी गई।वे निरंकारी मिशन के चौथे गुरु थे। अपने पिता की तरह वे भी ‘सतगुरु’ कहलाते थे।बाबा हरदेव सिंहजी का विवाह सविंद्र कौर जी से 1975 में दिल्ली में हुआ था, जो फर्रुखाबाद की के रहनेवाली थी।संत निरंकारी मिशन के प्रमुख 62 साल के बाबा हरदेव सिंहजी का शुक्रवार को कनाडा में एक सड़क हादसे में निधन हो गया था।
संत निरंकारी मिशन के अधिकारी कृपा सागर ने कहा,अंतिम यात्रा बुधवार सुबह आठ बजे मैदान नंबर आठ से शुरू होगी और निगम बोध घाट पर संपन्न होगी। अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे सीएनजी श्मशान गृह में होगा। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार को कनाडा के मोंट्रियल से विमान से दिल्ली लाया जाएगा। पार्थिव शरीर को श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शन के लिए सोमवार दोपहर से पश्चिमी दिल्ली के बुराड़ी रोड पर रखा जाएगा।
सन 1929 में संत निरंकारी मिशन की औपचारिक स्थापना बाबा बुटासिंहजी ने की थी, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें सन 1914 में निरंकारी ज्ञान प्राप्त हुआ था। पिता सतगुरु गुरबचन सिंह की हत्या के बाद बाबा हरदेव सिंह ने निरंकारी मिशन की गद्दी सन 1980 में संभाली थी। उनके पिता की हत्या उग्रवादियों ने कर दी थी।वे निरंकारी सेवा दल में एक प्राथमिक सदस्य के रूप में सन 1971 में शामिल हुए थे। पिता की असामयिक मृत्यु के बाद 26 साल की छोटी उम्र में उन्हें गुरु गद्दी सौंप दी गई।वे निरंकारी मिशन के चौथे गुरु थे। अपने पिता की तरह वे भी ‘सतगुरु’ कहलाते थे।बाबा हरदेव सिंहजी का विवाह सविंद्र कौर जी से 1975 में दिल्ली में हुआ था, जो फर्रुखाबाद की के रहनेवाली थी।संत निरंकारी मिशन के प्रमुख 62 साल के बाबा हरदेव सिंहजी का शुक्रवार को कनाडा में एक सड़क हादसे में निधन हो गया था।
संत निरंकारी मिशन के अधिकारी कृपा सागर ने कहा,अंतिम यात्रा बुधवार सुबह आठ बजे मैदान नंबर आठ से शुरू होगी और निगम बोध घाट पर संपन्न होगी। अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे सीएनजी श्मशान गृह में होगा। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार को कनाडा के मोंट्रियल से विमान से दिल्ली लाया जाएगा। पार्थिव शरीर को श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शन के लिए सोमवार दोपहर से पश्चिमी दिल्ली के बुराड़ी रोड पर रखा जाएगा।