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- गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्त सहयोग दे......... पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले
Posted by : achhiduniya
16 May 2016
नागपुर जिलाधिकारी
कार्यालय के बचत भवन सभागृह में गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की समस्याएं और कामों
की समीक्षा करने के लिए बैठक आयोजित की गई थी। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने
गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों से अपील की है कि वर्तमान राज्य सरकार अपने कार्यकाल
में ही इस प्रकल्प को पूर्ण करना चाहती है। यह सरकार की प्राथमिकताओं में से है। राज्य
में सूखे की स्थिति से निपट रही सरकार की परिस्थिति को देखते हुए गोसीखुर्द
प्रकल्पग्रस्त सहयोग दें। 35 गांवों की स्वतंत्र पुनर्वास समिति गठित की जाए। इसमें
गांवों के ही लोगों को शामिल किया जाए। सिंचन महामंडल सभी गांवों के प्रत्येक
भूखंड का माप लेकर संबंधित भूखंड धारक को नामजोख का प्रमाणपत्र दे। गोसीखुर्द
प्रकल्प दो लाख 50 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता पैदा करने वाला
राज्य का सबसे बडा प्रकल्प है। इसकी क्षमता 44.70 टीएमसी
पानी भंडारण की है। इसके लिए 51 गांवों का 36 पर्यायी स्थलों पर पुनर्वास किया गया है। राज्य सरकार के अनुसार 36
में से 34 स्थलों पर नागरिक सुविधाएं देने के
काम पूर्ण हो चुके हैं।
34 गांवों में पुनर्वास व नागरिक सुविधाएं दी गई हैं। शिकायत पर पालकमंत्री ने शुद्ध पेयजल आपूर्ति के आदेश दिए। उन्होंने इन गांवों में स्वतंत्र पानी योजना के साथ ही प्रत्येक घर में नल देने को कहा. उन्होंने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा पेयजल योजना तैयार कर इसे जिला परिषद को हस्तांतरित करने, थ्री फेज लाइन की मांग महीने भर में पूर्ण करने और बिजली चोरी करने वालों पर अपराध दर्ज करने के आदेश दिए। यह प्रकल्प कम से कम समय में पूरा हो जाना चाहिए। प्रकल्पग्रस्तों को नागरिक सुविधाएं देने की जिम्मेदारी शासन की है लेकिन इसके लिए प्रकल्पग्रस्तों का सहयोग मिलना जरूरी है। समीक्षा बैठक में प्रकल्पग्रस्तों के प्रत्येक पुनर्वसित गांव में तालाब बनाने सहित कई मांगें कीं।
इंदिरा सागर गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति की ओर से गांवों के भीतर के रास्ते तैयार करने, मच्छीमार व्यवसाय के लिए गोसीखुर्द के लिए स्वतंत्र मंडल तैयार करने, बहुउद्देश्यीय योजना तैयार करने, इन गांवों को प्राकृतिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने, मंदिर, बुद्ध विहार, झंडा आदि की जगह के बदले पुनर्वसित गांव में जगह देने, गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की आजीविका के लिए रोजगार विषयक दीर्घकालीन योजना तैयार करने आदि की मांग की। मांग करने वालों में विलास भोंगाडे व समीक्षा गणवीर सहित अनेक प्रकल्पग्रस्त उपस्थित थे। इस बैठक में पालकमंत्री ने आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में विधायक सुधीर पारवे, जिलाधिकारी सचिन कुर्वे, पुनर्वास अधिकारी प्रकाश पाटिल, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कादंबरी भगत, विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल के अधिकारी उपस्थित थे।
34 गांवों में पुनर्वास व नागरिक सुविधाएं दी गई हैं। शिकायत पर पालकमंत्री ने शुद्ध पेयजल आपूर्ति के आदेश दिए। उन्होंने इन गांवों में स्वतंत्र पानी योजना के साथ ही प्रत्येक घर में नल देने को कहा. उन्होंने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा पेयजल योजना तैयार कर इसे जिला परिषद को हस्तांतरित करने, थ्री फेज लाइन की मांग महीने भर में पूर्ण करने और बिजली चोरी करने वालों पर अपराध दर्ज करने के आदेश दिए। यह प्रकल्प कम से कम समय में पूरा हो जाना चाहिए। प्रकल्पग्रस्तों को नागरिक सुविधाएं देने की जिम्मेदारी शासन की है लेकिन इसके लिए प्रकल्पग्रस्तों का सहयोग मिलना जरूरी है। समीक्षा बैठक में प्रकल्पग्रस्तों के प्रत्येक पुनर्वसित गांव में तालाब बनाने सहित कई मांगें कीं।
इंदिरा सागर गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति की ओर से गांवों के भीतर के रास्ते तैयार करने, मच्छीमार व्यवसाय के लिए गोसीखुर्द के लिए स्वतंत्र मंडल तैयार करने, बहुउद्देश्यीय योजना तैयार करने, इन गांवों को प्राकृतिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने, मंदिर, बुद्ध विहार, झंडा आदि की जगह के बदले पुनर्वसित गांव में जगह देने, गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की आजीविका के लिए रोजगार विषयक दीर्घकालीन योजना तैयार करने आदि की मांग की। मांग करने वालों में विलास भोंगाडे व समीक्षा गणवीर सहित अनेक प्रकल्पग्रस्त उपस्थित थे। इस बैठक में पालकमंत्री ने आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में विधायक सुधीर पारवे, जिलाधिकारी सचिन कुर्वे, पुनर्वास अधिकारी प्रकाश पाटिल, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कादंबरी भगत, विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल के अधिकारी उपस्थित थे।