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- भारत में पत्थर क्यों पूजा जाता है.........?
Posted by : achhiduniya
29 May 2016
ईश्वर
हर जगह विद्यमान होते हैं। भगवान ने सातवीं भक्ति में बताया कि संत मुझसे भी बढकर
महिमायुक्त होते हैं। भगवान प्रेम से
प्रकट होते हैं, जड,चेतन सब में हैं,
इस पर विश्वास रखें। भक्ति का उपदेश व्याख्यानमाला में पं. आशीष
मिश्र ने अपने प्रवचन में बताया कि प्रेम
सखी ने कनक भवन में प्रभुजी की मूर्ति देखी तो इतनी प्रभावित हुई कि आजीवन कनक भवन
के बाहर कुटिया बनाकर रहने लगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का प्रश्न है कि भारत
में पत्थर क्यों......? पूजा जाता है। क्यों न पूजा जाए,
हनुमान लाए वो द्रोणगिरि पत्थर था। कृष्णजी ने उठाया वो गिरिराज
पत्थर था और केदारनाथ त्रासदी में केदारनाथ मंदिर को बचाने वाला एक पत्थर ही तो था।
भगवान के लिए तो भाव ही चाहिए। भगवान को
नेत्रों के माध्यम से हृदय में उतारना चाहिए। नेत्र और काम ये दो इंद्रियां भगवान
को सर्मपित कर दीजिए, यही गोपीभाव है। उन्होंने आठवीं भक्ति
में हर स्थिति में संतोष रखने और दूसरों को दोष न देने को कहा है। संतोष न करने
वाला भटकता रहेगा, दूसरों को दोष से देखने वाले का मन व्यर्थ
बातों में फंसा रहेगा। उन्होंने नवमीं भक्तिमें भरोसा रखकर जगत में सरल व्यवहार
करने की बात कही।