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- विमान यात्रियों को एक बड़ी राहत विमान में चढ़ने से वंचित रखने पर मुआवजा 5 गुना........
Posted by : achhiduniya
12 June 2016
पिछले
साल जहां 4,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं वहीं
63,400 उड़ानों में देरी हुई। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति
राजू ने कहा कि यात्रियों से समस्याओं के सही समय के भीतर ना सुलझाए जाने की
शिकायतें मिलने के बाद ये उपाय प्रस्तावित किए गए हैं। सरकार ने विमान टिकट रद्द
करने पर बेहद ऊंचे शुल्क को सीमित करने, विमान में चढ़ने से
वंचित रखने पर मुआवजा 5 गुना बढ़ाकर 20,000 रुपए करने तथा अतिरिक्त सामान ले जाने पर एयरलाइनों द्वारा लिए जाने वाले
शुल्क को घटाने जैसे कुछ कदमों का प्रस्ताव किया है। इस कदम से विमान यात्रियों को
एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। नागर विमानन मंत्रालय द्वारा नियमों में बदलाव के
लिए आगे बढ़ाए गए प्रस्ताव के दायरे में भारतीय विमानन कंपनियों की घरेलू और
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें आएंगी। इन बदलावों का प्रस्ताव यात्रियों की ओर से मिलने
वाली शिकायतों के बाद किया गया है।
15 किलो की सीमा से अधिक के बैगेज पर पहले 5 किलोग्राम तक के लिए प्रति किलोग्राम 100 रुपए का शुल्क तय किया गया है। अतिरिक्त सामान या बैगेज शुल्क के नियम 15 जून से क्रियान्वित किए जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया सहित सभी घरेलू एयरलाइंस ने सरकार के प्रस्तावित संशोधनों पर प्रतिक्रिया से इनकार किया। वहीं विमान यात्रियों के निकाय एपीएआई ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि ये बदलाव लगभग एक दशक बाद लाए जा रहे हैं। विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बदलावों की आलोचना की है। ये हैं अन्य प्रस्ताव:- एयरलाइंस को उड़ान रद्द होने की स्थिति में सभी लगाए गए सांविधिक कर को वापस करना होगा। किसी भी हालत में टिकट रद्द कराने का शुल्क मूल किराये से अधिक नहीं होगा। रिफंड की प्रोसेसिंग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकेंगी कंपनियां जिससे विमान यात्रियों को एक बड़ी राहत मिल सकेगी।
15 किलो की सीमा से अधिक के बैगेज पर पहले 5 किलोग्राम तक के लिए प्रति किलोग्राम 100 रुपए का शुल्क तय किया गया है। अतिरिक्त सामान या बैगेज शुल्क के नियम 15 जून से क्रियान्वित किए जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया सहित सभी घरेलू एयरलाइंस ने सरकार के प्रस्तावित संशोधनों पर प्रतिक्रिया से इनकार किया। वहीं विमान यात्रियों के निकाय एपीएआई ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि ये बदलाव लगभग एक दशक बाद लाए जा रहे हैं। विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बदलावों की आलोचना की है। ये हैं अन्य प्रस्ताव:- एयरलाइंस को उड़ान रद्द होने की स्थिति में सभी लगाए गए सांविधिक कर को वापस करना होगा। किसी भी हालत में टिकट रद्द कराने का शुल्क मूल किराये से अधिक नहीं होगा। रिफंड की प्रोसेसिंग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकेंगी कंपनियां जिससे विमान यात्रियों को एक बड़ी राहत मिल सकेगी।

