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- जाने औरतों के ऊंची हील पहनने का राज........?
Posted by : achhiduniya
03 June 2016
अमेरिका के नार्थ केरोलीना विश्वविद्यालय की
असिस्टेंट प्रोफेसर कुर्ट ग्रे का कहना है, दूसरे शब्दों में कहें तो ज्यादातर महिलाएं अमीर दिखना
चाहती हैं और वे गरीब लड़कियों से अलग दिखना चाहती हैं।शोधकर्ताओं के मुताबिक,एक महिला अगर ऊंची हील के जूते-सैंडल पहनती है तो यह समाज में रुतबा हासिल
करने की गहरी मानवीय तीव्र इच्छा का ही प्रतीक है।इस शोध के निष्कर्षो से पता चला
है कि महिलाएं स्थानीय प्रवृत्ति को अपनाती है यानी जब वो शहर के अमीर हिस्से में
जाती हैं,तो ऊंची हील पहनती हैं,लेकिन
वो सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों में जाती है तो इसे नजरअंदाज कर देती है।
जब महिला समृद्ध इलाकों में जाती है तो वह उन इलाकों की महिलाओं के हील के साइज से
अपने हील के साइज का मेल करना चाहती हैं, जो उनकी समरूपता की
तीव्र इच्छा को जाहिर करता है।
हालांकि इसके विपरीत जब वे गरीब इलाकों की तरफ जाती हैं तो वे केवल अपने पिछली बार खरीदी गई सैंडल या जूते के साइज के साथ ही मेल करती है।मानव सभ्यता की शुरुआत से ही लोगों में इज्जत और रुतबे की प्यास रही है।इसलिए वे शक्तिशाली के साथ खड़े होते हैं और शक्तिहीन से अपने को अलग करते हैं। तो हील के साइज के साथ भी ऐसा करना समझ में आता है। शोधकर्ताओं ने इस असर को नीचे की तरफ जाती समरूपता का नाम दिया है,क्योंकि फैशन की वरीयता ऊपर से नीचे जाती है और शायद ही कभी नीचे से ऊपर जाती दिखती हो। यह शोध प्लोस वन नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
हालांकि इसके विपरीत जब वे गरीब इलाकों की तरफ जाती हैं तो वे केवल अपने पिछली बार खरीदी गई सैंडल या जूते के साइज के साथ ही मेल करती है।मानव सभ्यता की शुरुआत से ही लोगों में इज्जत और रुतबे की प्यास रही है।इसलिए वे शक्तिशाली के साथ खड़े होते हैं और शक्तिहीन से अपने को अलग करते हैं। तो हील के साइज के साथ भी ऐसा करना समझ में आता है। शोधकर्ताओं ने इस असर को नीचे की तरफ जाती समरूपता का नाम दिया है,क्योंकि फैशन की वरीयता ऊपर से नीचे जाती है और शायद ही कभी नीचे से ऊपर जाती दिखती हो। यह शोध प्लोस वन नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

