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- पुलिस को तीन हफ्तों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने के निर्देश.......
Posted by : achhiduniya
21 June 2016
पुलिस
को दी गई शिकायतों पर कार्रवाई न होने की खबरें कोई नई बात नहीं हैं। शिकायतकर्ताओं
के लिए इंसाफ सुनिश्चित करने की खातिर महाराष्ट्र सरकार ने सभी सहायक पुलिस
आयुक्तों (एसीपी) को शिकायत प्राप्त करने के तीन हफ्तों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट
(एटीआर) दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। फर्जी
शिकायत करने वालों को दरकिनार कर वाजिब शिकायतों
पर ध्यान केन्द्रित करे। सरकार के इन निर्देशों से यह तय हो जाएगा कि
उच्चाधिकारियोंसे शिकायत किए जाने पर संबंधित थाने की पुलिस एफआईआर करे और
कार्रवाई करके उन्हें बताए। इसके चलते हर ऐसी शिकायत पर उच्चाधिकारी को ध्यान देना
होगा। राज्य के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने अनुसार अब से सहायक पुलिस आयुक्तों
या पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) द्वारा प्राप्त शिकायतें उसी दिन संबंधित पुलिस
थाने में दर्ज होनी चाहिए और जांच शुरू करने के लिए लिखित आदेश तुरंत दिए जाने
चाहिए।
अधिकारी ने बताया, संबंधित एसीपी या डीएसपी को हर प्राप्त शिकायत पर एटीआर दाखिल करना होगा। यह एटीआर तीन हफ्तों के भीतर शिकायतकर्ता को मुहैया करानी होगी। यदि थानाधिकारी तीन हफ्तों के भीतर एटीआर दाखिल नहीं करता है तो मामले का ब्यौरा एसीपी को उपलब्ध कराना होगा और फिर वे हर महीने के पांचवें दिन इसे अपर मुख्य सचिव (गृह) को सौंपेंगे। इस बात की वजह भी बताएंगे कि शिकायत की जांच क्यों नहीं की गई और रिपोर्ट क्यों नहीं दाखिल की गई? उन्होंने बताया कि सभी एसीपी और डीएसपी को निर्देश दिया गया है कि वे शिकायतों के बेहतर निपटारे के लिए गृह मंत्रालय के फैसलों से अवगत रहें और पुलिस महानिदेशक से कहा गया है कि वे एसीपी-डीएसपी की नियमित कार्यशालाएं आयोजित करें। अधिकारी ने बताया, यदि तीन महीने के बाद भी शिकायत की जांच नहीं की जाती है तो संबंधित शहर के सर्वोच्च पुलिस अधिकारी को ऐसी सभी शिकायतों की सूची गृह मंत्रालय के उपसचिव को सौंपनी होगी। इसके बाद उपसचिव इसे अपर मुख्य सचिव (गृह) को भेजेंगे। फिर अपर मुख्य सचिव (गृह) जरूरी कार्रवाई करेंगे।
अधिकारी ने बताया, संबंधित एसीपी या डीएसपी को हर प्राप्त शिकायत पर एटीआर दाखिल करना होगा। यह एटीआर तीन हफ्तों के भीतर शिकायतकर्ता को मुहैया करानी होगी। यदि थानाधिकारी तीन हफ्तों के भीतर एटीआर दाखिल नहीं करता है तो मामले का ब्यौरा एसीपी को उपलब्ध कराना होगा और फिर वे हर महीने के पांचवें दिन इसे अपर मुख्य सचिव (गृह) को सौंपेंगे। इस बात की वजह भी बताएंगे कि शिकायत की जांच क्यों नहीं की गई और रिपोर्ट क्यों नहीं दाखिल की गई? उन्होंने बताया कि सभी एसीपी और डीएसपी को निर्देश दिया गया है कि वे शिकायतों के बेहतर निपटारे के लिए गृह मंत्रालय के फैसलों से अवगत रहें और पुलिस महानिदेशक से कहा गया है कि वे एसीपी-डीएसपी की नियमित कार्यशालाएं आयोजित करें। अधिकारी ने बताया, यदि तीन महीने के बाद भी शिकायत की जांच नहीं की जाती है तो संबंधित शहर के सर्वोच्च पुलिस अधिकारी को ऐसी सभी शिकायतों की सूची गृह मंत्रालय के उपसचिव को सौंपनी होगी। इसके बाद उपसचिव इसे अपर मुख्य सचिव (गृह) को भेजेंगे। फिर अपर मुख्य सचिव (गृह) जरूरी कार्रवाई करेंगे।