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- बिना हवाट्यूब वाले टायर यानी ट्यूबलेस टायर्स जाने फायदे........?
Posted by : achhiduniya
16 June 2016
आज के
दौर मे हर चीज का विकल्प के रूप मे कोई ना कोई पर्याय मौजूद है।पहले ट्यूब वाले टायर्स
आते थे।जो आज भी आते है,जिसका ख्याल रखना पड़ता था।पंक्चर होने की स्थिति में कई
बार मुसीबतों का सामना करना पड़ता था।कही पंक्चर बनाने वाला नही मिलता या फिर समय पर
दूसरी स्टेपनी नही होती,लेकिन अब ट्यूबलेस टायर्स की टेक्नोलॉजी ने हमारी कई
समस्याओं को कम कर दिया है।आपकी कार में लगी टायर्स की क्वालिटी कैसी है।टायर कार
के ज़रूरी हिस्सों में से एक होता है। इसका असर ड्राइविंग क्वालिटी, ड्राइविंग डायनेमिक्स और कार के परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है।
कई बार हम कार की टायर पर ध्यान नहीं देते जिसकी वजह से दुर्घटना का डर बना रहता है। आइए, जानते हैं कि ट्यूब लेस टायर आपकी कार के लिए जरूरी क्यों है और इसके फायदे क्या हैं। ट्यूबलेस टायर्स की मेंटेनेंस काफी किफायती होती है। पंक्चर रिपेयर कराने के लिए भी इसमें ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। पंक्चर रिपेयर करने के लिए सबसे पहले पंक्चर वाली जगह पर स्ट्रिप लगाई जाती है और फिर रबर सीमेंट की मदद से उस जगह को भर दिया जाता है।ट्यूबलेस टायर को रिपयेर करने वाले किट किसी भी टायर शॉप पर आसानी से उपलब्ध हैं।ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलेस टायर हल्के होते हैं। जिसकी वजह से गाड़ी के कुल वज़न पर भी इसका असर पड़ता है। साथ ही ड्राइविंग डायनेमिक्स पर असर पड़ता जिसकी वजह से गाड़ी और अच्छा परफॉर्म करती है। इससे गाड़ी की माइलेज पर भी असर पड़ता है।
ट्यूबलेस टायर जल्दी गर्म भी नहीं होती। ट्यूबलेस टायर, साधारण टायर से ज्यादा टिकाऊ होते हैं। ट्यूबलेस टायर पर ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत नहीं होती और ये आपके पॉकेट पर ज्यादा भारी नहीं पड़ता। अगर आप छोटी यात्रा पर हैं तो कई बार पंक्चर होने पर भी बिना रुके अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। इस स्थिति में टायर को कोई नुकसान भी नहीं होता। लेकिन अगर टायर की हवा पूरी तरह निकल चुकी हो तो वैसी स्थिति में गाड़ी चलाना नुकसान कर सकता है। सुरक्षा के लिहाज से ट्यूबलेस टायर ज्यादा भरोसेमंद हैं। साधारण टायर में अलग से ट्यूब लगा होता है,जो टायर को शेप देता है। ऐसे में जब अंदर लगा ट्यूब पंक्चर होता है तो ड्राइवर गाड़ी से कंट्रोल खो सकता है और दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।लेकिन ट्यूबलेस टायर में अलग से ट्यूब नहीं लगा होता।
टायर खुद ही रिम के चारों ओर एयरटाइट सील लगा देता है जिससे हवा टायर से बाहर नहीं निकलती। पंक्चर होने की स्थिति में हवा काफी धीरे धीरे बाहर निकलती है और ऐसे में ड्राइवर को गाड़ी रोकने का काफी समय मिल जाता है। अगर पंक्चर छोटा है तो आप थोड़ी देर तक गाड़ी ड्राइव भी कर सकते है और पंक्चर मेकैनिक तक पहुंच सकते हैं।
कई बार हम कार की टायर पर ध्यान नहीं देते जिसकी वजह से दुर्घटना का डर बना रहता है। आइए, जानते हैं कि ट्यूब लेस टायर आपकी कार के लिए जरूरी क्यों है और इसके फायदे क्या हैं। ट्यूबलेस टायर्स की मेंटेनेंस काफी किफायती होती है। पंक्चर रिपेयर कराने के लिए भी इसमें ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। पंक्चर रिपेयर करने के लिए सबसे पहले पंक्चर वाली जगह पर स्ट्रिप लगाई जाती है और फिर रबर सीमेंट की मदद से उस जगह को भर दिया जाता है।ट्यूबलेस टायर को रिपयेर करने वाले किट किसी भी टायर शॉप पर आसानी से उपलब्ध हैं।ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलेस टायर हल्के होते हैं। जिसकी वजह से गाड़ी के कुल वज़न पर भी इसका असर पड़ता है। साथ ही ड्राइविंग डायनेमिक्स पर असर पड़ता जिसकी वजह से गाड़ी और अच्छा परफॉर्म करती है। इससे गाड़ी की माइलेज पर भी असर पड़ता है।
ट्यूबलेस टायर जल्दी गर्म भी नहीं होती। ट्यूबलेस टायर, साधारण टायर से ज्यादा टिकाऊ होते हैं। ट्यूबलेस टायर पर ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत नहीं होती और ये आपके पॉकेट पर ज्यादा भारी नहीं पड़ता। अगर आप छोटी यात्रा पर हैं तो कई बार पंक्चर होने पर भी बिना रुके अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। इस स्थिति में टायर को कोई नुकसान भी नहीं होता। लेकिन अगर टायर की हवा पूरी तरह निकल चुकी हो तो वैसी स्थिति में गाड़ी चलाना नुकसान कर सकता है। सुरक्षा के लिहाज से ट्यूबलेस टायर ज्यादा भरोसेमंद हैं। साधारण टायर में अलग से ट्यूब लगा होता है,जो टायर को शेप देता है। ऐसे में जब अंदर लगा ट्यूब पंक्चर होता है तो ड्राइवर गाड़ी से कंट्रोल खो सकता है और दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।लेकिन ट्यूबलेस टायर में अलग से ट्यूब नहीं लगा होता।
टायर खुद ही रिम के चारों ओर एयरटाइट सील लगा देता है जिससे हवा टायर से बाहर नहीं निकलती। पंक्चर होने की स्थिति में हवा काफी धीरे धीरे बाहर निकलती है और ऐसे में ड्राइवर को गाड़ी रोकने का काफी समय मिल जाता है। अगर पंक्चर छोटा है तो आप थोड़ी देर तक गाड़ी ड्राइव भी कर सकते है और पंक्चर मेकैनिक तक पहुंच सकते हैं।