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- महिला संरक्षण व सशक्तिकरण की बाते महज भाषण......आज भी बदस्तूर जारी [देह व्यापार] स्त्री शोषण
Posted by : achhiduniya
17 June 2016
लड़कियां अपने आप को बेचने का काम अपनी माँ को
देख के सीखती हैं। कुछ मज़बूरी में आती हैं तो कुछ लोगों को अगवा कर के लाया जाता है।
लेकिन आज भी इस के सुधार और यहां के दलदल में फंसी लड़कियों के लिए किसी प्रकार का कोई
काम नही किया गया है। आज यह एशिया की सबसे बड़ी बदनाम गलियो में से एक नंबर पर है।लड़कियों
के देह व्यपार का धंधा कई देशों में क़ानूनी मान्यता पाने के बाद बड़ी आसानी से फल फुल
रहा है। लेकिन कई देशो में आज भी इस पर कानून द्वारा मान्यता नही मिला है।
लेकिन फिर भी देह व्यपार का धंधा अमूमन हर जगह चलता है। इन्ही देशों में एक नाम है भारत का। जहां पर लड़कियां अपने देह की नीलामी महज 134 रूपये में कर देती हैं। आप भी जानिए कहां होता है ऐसा गंदा काम।एक हिंदी वेबसाइट की खबर के अनुसार पश्चिम बंगाल का सोनागाछी पुरे एशिया में यह रेडलाइट जगह सबसे के नाम से जाना जाता है। यहाँ साल में सैकड़ो विदेशी सैलानी घूमने आते है क्योकि इस एशिया का सबसे बड़ा देह व्यपार का गढ़ माना जाता है। जहां करीब 11 हजार वेश्याएं देह व्यापार में लिप्त हैं. यह पूरा इलाका एक झुग्गी में तब्दील है यहाँ पर 12 हजार लड़कियां सेक्स व्यापार में शामिल हैं। यहां इन्हें मर्दों से संबंध बनाने पर बदले में उन्हे 2 डॉलर यानि 134 रुपए मिलते हैं।
लेकिन फिर भी देह व्यपार का धंधा अमूमन हर जगह चलता है। इन्ही देशों में एक नाम है भारत का। जहां पर लड़कियां अपने देह की नीलामी महज 134 रूपये में कर देती हैं। आप भी जानिए कहां होता है ऐसा गंदा काम।एक हिंदी वेबसाइट की खबर के अनुसार पश्चिम बंगाल का सोनागाछी पुरे एशिया में यह रेडलाइट जगह सबसे के नाम से जाना जाता है। यहाँ साल में सैकड़ो विदेशी सैलानी घूमने आते है क्योकि इस एशिया का सबसे बड़ा देह व्यपार का गढ़ माना जाता है। जहां करीब 11 हजार वेश्याएं देह व्यापार में लिप्त हैं. यह पूरा इलाका एक झुग्गी में तब्दील है यहाँ पर 12 हजार लड़कियां सेक्स व्यापार में शामिल हैं। यहां इन्हें मर्दों से संबंध बनाने पर बदले में उन्हे 2 डॉलर यानि 134 रुपए मिलते हैं।