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- जाने शादी से जुड़े इन रिवाजों में छिपे वैज्ञानिक कारणों को.......?
Posted by : achhiduniya
22 June 2016
भारत परंपराओं का देश है यहां शादी हो या मौत, जन्म हो या कोई अन्य अवसर हर एक से जुड़ी अनेकों परंपराएं है। इन परंपराओं
का पालन अपने बड़े-बूढ़े के कहने पर अधिकांश लोग करते हैं, लेकिन
इन परंपराओं के पीछे कारण क्या है ये कम ही लोग जानते हैं, आज
हम भी आपसे जिक्र कर रहे हैं कुछ ऐसी ही परंपराओं के बारे में तो आइए जानते हैं
कुछ परंपराएं और उनके पीछे के कारणों को @ मांग में सिंदूर
क्यों....? हिंदू धर्म के अनुसार सिंदूर को सुहागन स्त्रियों
के सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। इसका मुख्य कारण शादीशुदा होने की निशानी होने
के अलावा सिंदूर के कुछ स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसमें हल्दी, चूना,
कुछ धातु और पारा होता है। जब मांग में सिंदूर भरा जाता है तो पारा
शरीर को ठंडा करता है व शरीर को आराम महसूस होता है। इससे यौन इच्छा भी बढ़ती है।
यही कारण है कि विधवा या कुंआरी स्त्रियों को सिंदूर लगाने की अनुमति नहीं है।
@ हल्दी लगाने की रस्म क्यो......? दुल्हन के चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाने के लिए हल्दी का उपयोग किया जाता है। इसके पीछे एक अन्य पारंपरिक कारण दूल्हा और दुल्हन को बुरी नज़र से बचाना भी होता है। वैज्ञानिक कारण इसमें छुपे औषधीय गुण हैं। शरीर पर हल्दी लगाने से इसका उत्तम औषधीय लाभ मिलता है। हल्दी त्वचा के बैक्टीरिया को खत्म कर देती है व निखार लाती है। आमतौर पर हल्दी में तेल मिलाकर पेस्ट बनाया जाता है।@ बिछुए क्यों पहनना है जरूरी.....? हिंदू धर्म के अनुसार हर सुहागन औरत को पैर की दूसरी उंगली में रिंग पहनना अनिवार्य होता है। इसके पीछे भी दो वैज्ञानिक कारण हैं। पहला यह कि पैर की दूसरी उंगली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से गुज़रती है और दिल तक जाती है।
बिछुए गर्भाशय को मज़बूत बनाते हैं व मासिक धर्म के चक्र को नियमित करते हैं। दूसरा, ये बिछुए चांदी के बने होते हैं जो ध्रुवीय उर्जा को पृथ्वी से शरीर में स्थानांतरित करते हैं।@ चूड़ियां पहनने का रिवाज़ क्यों......? सुहागन महिलाओं को चूड़ियां पहनना अनिवार्य माना गया है। चूड़ियों से कलाईयों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स दबते हैं।जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते है।चूड़ियों और त्वचा के बीच होने वाला घर्षण ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाता है।@ मेहंदी क्यों लगाई जाती है.....? मेहंदी में शांतिदायक और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसमें ठंडक प्रदान करने का गुण होता है जो वर वधू को तनाव, सिर दर्द और बुखार से आराम दिलाता है।यह नाखूनों की वृद्धि में भी सहायक होता है। मेंहदी कई प्रकार के वायरल और फंगल इन्फेक्शन (संक्रमण) से रक्षा करने में भी सहायक होती है।
@ अग्नि के चारों तरफ सात फेरे क्यों.....? वर वधू जिस पवित्र अग्नि के चारों ओर अपने वचन लेते हैं उसका भी विशेष महत्व है। अग्नि आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है। यह नकारात्मक उर्जा को दूर करती है व सकारात्मकता फैलाती है। जब विभिन्न तरह के घटक जैसे लकडियां, घी, चावल व अन्य वस्तुएं इसमें डाली जाती हैं तो यह एक शक्तिशाली शुद्धिकारक बन जाती है।
उस शुद्ध वातावरण में जो भी लोग मौजूद होते हैं उनके स्वास्थ्य पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से उस जोड़े पर जो इसके सबसे अधिक नज़दीक होते हैं। मित्र Rajkumar dwivedi+Sajjan singh saretiya+Minu Jk इन सभी मित्रो के द्वारा आप सभी मित्रो के लिए।
@ हल्दी लगाने की रस्म क्यो......? दुल्हन के चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाने के लिए हल्दी का उपयोग किया जाता है। इसके पीछे एक अन्य पारंपरिक कारण दूल्हा और दुल्हन को बुरी नज़र से बचाना भी होता है। वैज्ञानिक कारण इसमें छुपे औषधीय गुण हैं। शरीर पर हल्दी लगाने से इसका उत्तम औषधीय लाभ मिलता है। हल्दी त्वचा के बैक्टीरिया को खत्म कर देती है व निखार लाती है। आमतौर पर हल्दी में तेल मिलाकर पेस्ट बनाया जाता है।@ बिछुए क्यों पहनना है जरूरी.....? हिंदू धर्म के अनुसार हर सुहागन औरत को पैर की दूसरी उंगली में रिंग पहनना अनिवार्य होता है। इसके पीछे भी दो वैज्ञानिक कारण हैं। पहला यह कि पैर की दूसरी उंगली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से गुज़रती है और दिल तक जाती है।
बिछुए गर्भाशय को मज़बूत बनाते हैं व मासिक धर्म के चक्र को नियमित करते हैं। दूसरा, ये बिछुए चांदी के बने होते हैं जो ध्रुवीय उर्जा को पृथ्वी से शरीर में स्थानांतरित करते हैं।@ चूड़ियां पहनने का रिवाज़ क्यों......? सुहागन महिलाओं को चूड़ियां पहनना अनिवार्य माना गया है। चूड़ियों से कलाईयों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स दबते हैं।जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते है।चूड़ियों और त्वचा के बीच होने वाला घर्षण ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाता है।@ मेहंदी क्यों लगाई जाती है.....? मेहंदी में शांतिदायक और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसमें ठंडक प्रदान करने का गुण होता है जो वर वधू को तनाव, सिर दर्द और बुखार से आराम दिलाता है।यह नाखूनों की वृद्धि में भी सहायक होता है। मेंहदी कई प्रकार के वायरल और फंगल इन्फेक्शन (संक्रमण) से रक्षा करने में भी सहायक होती है।
@ अग्नि के चारों तरफ सात फेरे क्यों.....? वर वधू जिस पवित्र अग्नि के चारों ओर अपने वचन लेते हैं उसका भी विशेष महत्व है। अग्नि आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है। यह नकारात्मक उर्जा को दूर करती है व सकारात्मकता फैलाती है। जब विभिन्न तरह के घटक जैसे लकडियां, घी, चावल व अन्य वस्तुएं इसमें डाली जाती हैं तो यह एक शक्तिशाली शुद्धिकारक बन जाती है।
उस शुद्ध वातावरण में जो भी लोग मौजूद होते हैं उनके स्वास्थ्य पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से उस जोड़े पर जो इसके सबसे अधिक नज़दीक होते हैं। मित्र Rajkumar dwivedi+Sajjan singh saretiya+Minu Jk इन सभी मित्रो के द्वारा आप सभी मित्रो के लिए।