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- दुनिया का पहला डॉल्स [गुड़ियों] हॉस्पिटल व कब्रिस्तान..कहा और कैसे हुई स्थापना......?
Posted by : achhiduniya
05 June 2016
आज
के बच्चे बेशक गुड़िया खिलौनो से कम खेलते है, फिर भी गुड्डे-गुड़ियो
के खेल के बिना किसी का बचपन बीता हो यह बहुत ही कम संभव हो सकता है। गुड़िया हमेशा
से ही इंसानी भावनाओं की सर्वाधिक भावुक प्रतीक रही हैं। लड़कियां सदियों से
गुड़ियों से खेलती रही हैं। उनके साथ अपनी भावनाएं बांटती रही हैं। यही वजह है कि
वह उनसे अक्सर इतनी गहराई से जुड़ जाती हैं कि मान ही नहीं पातीं कि वो यानी गुड़िया
उन्हीं की तरह जीवित नहीं है। जैसे हम और आप बीमार होते है तो डॉ के पास हॉस्पिटल
जाते है,लेकिन क्या आप जानते है की इन गुड़ियो का हॉस्पिटल भी
होता है...? लेकिन कहा आइए जानते है। गुड़ियों के लिए दुनिया
का सबसे पुराना हॉस्पिटल होने का गौरव लिस्बन के डॉल हॉस्पिटल के पास है। यह
हॉस्पिटल आज भी चल रहा है।
जिस जगह यह हॉस्पिटल खुला, वहां एक जमाने में एक बूढी औरत जड़ी -बूटियों की अपनी छोटी-सी दुकान चलाया करती थी। साथ ही पास-पडोस के बच्चों के लिए वह मिट्टी और कपडों की गुड़िया भी बनाती थी। बस उन बूढे. हाथों से ही गुड़ियां बनाने और उसकी मरम्मत की कला आगे बढी. बाद में उसकी छोटी-सी जड़ी-बूटियों की दुकान को डॉल वर्कशॉप में तब्दील कर दिया गया। इस तरह दुनिया का पहला डॉल्स हॉस्पिटल पुर्तगाल के लिस्बन शहर में 1830 में खुला। इसके बाद 1888 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में भी एक ऐसा ही हॉस्पिटल खोला गया। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में दुनिया का सबसे मशहूर डॉल्स हॉस्पिटल है। इस हॉस्पिटल की शुरुआत 1913 मेंग्राहम चैपमन सीनियर ने की थी। अब तक इस हॉस्पिटल में 25 लाख से ज्यादा गुड़ियों की मरम्मत की जा चुकी है। इस हॉस्पिटल में केवल गुड़ियों की मरम्मत ही नहीं होती, बल्कि अपनी गुड़िया के लिए सब कुछ मिलता है।
फुटवियर, ज्वैलरी, कपड़े,विग से लेकर गुड़िया का खाना,छोटे-छोटे डॉल्स हाउस और यहां तक कि कमरे को सजाने के लिए फर्नीचर भी इसके अलावा यहां हर तरह की गुड़िया भी मिलती हैं।यहां से चीनी मिट्टी से बनी हुई डॉल, कपड़े की डॉल और पेपर डॉल खरीदी जा सकती है। इस हॉस्पिटल ने दो साल पहले अपने सौ साल पूरे किए हैं। दुनियाभर में यह हॉस्पिटल इतना प्रसिद्ध है कि इस नाम के कई हॉस्पिटल खुल गए हैं। आखिरकार इस हॉस्पिटल को अपनी वेबसाइट पर 'सिडनी फेमस ओरिजनल' लिखना पड़ा। इस हॉस्पिटल की शुरुआत कुछ यूं हुई कि एक बार जापान से कुछ डॉल्स लाई जा रही थीं जो किसी वजह से कुछ खराब हो गई थीं। उन्हीं गुड़ियों के लिए इस हॉस्पिटल की स्थापना हुई। इस हॉस्पिटल में गुड़ियों के लिए एक कब्रिस्तान भी है। वहां उन गुड़ियों को रख दिया जाता है।
जिनकी मरम्मत करना मुमकिन नहीं होता। 1914 में ग्राहम चैपमन की मृत्यु के बाद उनके बेटे हैरॉल्ड ग्राहम चैपमन ने डॉल्स हॉस्पिटल की देखभाल की इस समय हॉस्पिटल का जिम्मा चैपमन परिवार की तीसरी पीढी के जिम्मे है और यह जिम्मेदारी हैरॉल्ड ग्राहम चैपमन का बेटा जियॉफ बखूबी निभा रहा है।हॉस्पिटल के सौ साल पूरे होने पर जियॉफ चैपमन ने हॉस्पिटल की वेबसाइट के हवाले से कहा कि हम सौ साल से यह कार्य कर रहे हैं, क्योंकि एक बच्ची के चेहरे पर मुस्कान लाने से ज्यादा संतुष्ट करने वाली बात और कोई हो ही नहीं सकती। दुनिया में गुड़ियों के हॉस्पिटल ही नहीं हैं, अमेरिका में तो इनके लिए डॉक्टर और डॉक्टरों की एसोसिएशन भी हैं।
दरअसल, अमेरिका में डॉल कलेक्शन एक पॉपुलर हॉबी है, इसीलिए 1996 में डॉल डॉक्टर्स एसोसिएशन की स्थापना हुई। ताकि लोगों को बेहतर ढंग से गुड़ियों की देखभाल के बारे में सिखाया जा सके। इस एसोसिएशन से दुनिया भर के 150 से ज्यादा डॉल डॉक्टर्स जुड़े हुए हैं। इस एसोसिएशन के सौजन्य से चलने वाले डॉल हॉस्पिटल अमेरिका के लगभग हर राज्य में मौजूद हैं। अमेरिका के अलावा कनाडा और चीन जैसे देशों में भी यह एसोसिएशन सक्रिय है। ये लोगों को डॉल केयर के प्रति जागरूक बना रही है। एसोसिएशन साल में तीन बार एक खास न्यूजलेटर प्रकाशित करती है।
जिस जगह यह हॉस्पिटल खुला, वहां एक जमाने में एक बूढी औरत जड़ी -बूटियों की अपनी छोटी-सी दुकान चलाया करती थी। साथ ही पास-पडोस के बच्चों के लिए वह मिट्टी और कपडों की गुड़िया भी बनाती थी। बस उन बूढे. हाथों से ही गुड़ियां बनाने और उसकी मरम्मत की कला आगे बढी. बाद में उसकी छोटी-सी जड़ी-बूटियों की दुकान को डॉल वर्कशॉप में तब्दील कर दिया गया। इस तरह दुनिया का पहला डॉल्स हॉस्पिटल पुर्तगाल के लिस्बन शहर में 1830 में खुला। इसके बाद 1888 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में भी एक ऐसा ही हॉस्पिटल खोला गया। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में दुनिया का सबसे मशहूर डॉल्स हॉस्पिटल है। इस हॉस्पिटल की शुरुआत 1913 मेंग्राहम चैपमन सीनियर ने की थी। अब तक इस हॉस्पिटल में 25 लाख से ज्यादा गुड़ियों की मरम्मत की जा चुकी है। इस हॉस्पिटल में केवल गुड़ियों की मरम्मत ही नहीं होती, बल्कि अपनी गुड़िया के लिए सब कुछ मिलता है।
फुटवियर, ज्वैलरी, कपड़े,विग से लेकर गुड़िया का खाना,छोटे-छोटे डॉल्स हाउस और यहां तक कि कमरे को सजाने के लिए फर्नीचर भी इसके अलावा यहां हर तरह की गुड़िया भी मिलती हैं।यहां से चीनी मिट्टी से बनी हुई डॉल, कपड़े की डॉल और पेपर डॉल खरीदी जा सकती है। इस हॉस्पिटल ने दो साल पहले अपने सौ साल पूरे किए हैं। दुनियाभर में यह हॉस्पिटल इतना प्रसिद्ध है कि इस नाम के कई हॉस्पिटल खुल गए हैं। आखिरकार इस हॉस्पिटल को अपनी वेबसाइट पर 'सिडनी फेमस ओरिजनल' लिखना पड़ा। इस हॉस्पिटल की शुरुआत कुछ यूं हुई कि एक बार जापान से कुछ डॉल्स लाई जा रही थीं जो किसी वजह से कुछ खराब हो गई थीं। उन्हीं गुड़ियों के लिए इस हॉस्पिटल की स्थापना हुई। इस हॉस्पिटल में गुड़ियों के लिए एक कब्रिस्तान भी है। वहां उन गुड़ियों को रख दिया जाता है।
जिनकी मरम्मत करना मुमकिन नहीं होता। 1914 में ग्राहम चैपमन की मृत्यु के बाद उनके बेटे हैरॉल्ड ग्राहम चैपमन ने डॉल्स हॉस्पिटल की देखभाल की इस समय हॉस्पिटल का जिम्मा चैपमन परिवार की तीसरी पीढी के जिम्मे है और यह जिम्मेदारी हैरॉल्ड ग्राहम चैपमन का बेटा जियॉफ बखूबी निभा रहा है।हॉस्पिटल के सौ साल पूरे होने पर जियॉफ चैपमन ने हॉस्पिटल की वेबसाइट के हवाले से कहा कि हम सौ साल से यह कार्य कर रहे हैं, क्योंकि एक बच्ची के चेहरे पर मुस्कान लाने से ज्यादा संतुष्ट करने वाली बात और कोई हो ही नहीं सकती। दुनिया में गुड़ियों के हॉस्पिटल ही नहीं हैं, अमेरिका में तो इनके लिए डॉक्टर और डॉक्टरों की एसोसिएशन भी हैं।
दरअसल, अमेरिका में डॉल कलेक्शन एक पॉपुलर हॉबी है, इसीलिए 1996 में डॉल डॉक्टर्स एसोसिएशन की स्थापना हुई। ताकि लोगों को बेहतर ढंग से गुड़ियों की देखभाल के बारे में सिखाया जा सके। इस एसोसिएशन से दुनिया भर के 150 से ज्यादा डॉल डॉक्टर्स जुड़े हुए हैं। इस एसोसिएशन के सौजन्य से चलने वाले डॉल हॉस्पिटल अमेरिका के लगभग हर राज्य में मौजूद हैं। अमेरिका के अलावा कनाडा और चीन जैसे देशों में भी यह एसोसिएशन सक्रिय है। ये लोगों को डॉल केयर के प्रति जागरूक बना रही है। एसोसिएशन साल में तीन बार एक खास न्यूजलेटर प्रकाशित करती है।




