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- पति –पत्नी की प्यारी बाते जब.......हमारे जमाने में मोबाइल नहीं थे...
Posted by : achhiduniya
12 June 2016
एक दंपति [पति-पत्नी] का वार्तालाप चल रहा था। जो उस जमाने के बारे में है जब मोबाइल नहीं थे, लेकिन दिल की बातें दिल समझ लेता था! चश्मा साफ करते हुए उस बुजुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा- हमारे जमाने में मोबाइल नहीं थे..!पत्नी:- पर ठीक पांच बजकर पचपन मिनट पर मैं पानी का ग्लास लेकर दरवाजे पे आती और आप आ पहुंचते....पति:- हां मैंने तीस साल नौकरी की पर आज तक मैं समझ नहीं पाया कि मैं आता इसलिए तुम पानी लातीं या तुम पानी लेकर आतीं इसलिए मैं आता था! हां.. और याद है तुम्हारे रिटायर होने से पहले जब तुम्हें डायबिटीज नहीं था और मैं तुम्हारी मनपसंद खीर बनाती तब तुम कहते कि आज दोपहर में ही ख्याल आया कि खीर खाने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
हां.. सच में.. ऑफिस से निकलते वक्त जो सोचता घर पर आकर देखता हूं कि वही तुमने बनाया है। और तुम्हें याद है जब पहली डिलीवरी के वक्त मैं मायके गई थी और जब दर्द शुरू हुआ मुझे लगा काश तुम मेरे पास होते.. और घंटे भर में तो जैसे कोई ख्वाब हो, तुम मेरे पास थे। पति:- हां.. उस दिन यूं ही ख्याल आया कि जरा देख लूं तुम्हें.....पत्नी:- और जब तुम मेरी आंखों में आंखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते.....पति:- हां और तुम शर्मा के पलकें झुका देतीं और मैं उसे कविता की 'लाइक' समझता....पत्नी:- और हां जब दोपहर को चाय बनाते वक्त मैं थोड़ा जल गई थी और उसी शाम तुम बरनाल की ट्यूब अपनी जेब से निकालकर बोले इसे अलमारी में रख दो।
पति:- हां .. पिछले दिन ही मैंने देखा था ट्यूब खत्म हो गई है, पता नहीं कब जरूरत पड़ जाए ये सोचकर मैं ले आया था। पत्नी:- तुम कहते आज ऑफिस के बाद तुम वहीं आ जाना सिनेमा देखेंगे और खाना भी बाहर खा लेंगे....पति:- और जब तुम आतीं तो जो मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी पहन कर आतीं... फिर नजदीक जा कर उसका हाथ थाम कर कहा- हां, हमारे समय में मोबाइल नहीं था,पर.. 'हम दोनों थे।
'आज बेटा और उसकी बहू साथ तो होते हैं पर.. बातें नहीं......व्हाट्सएप होता है…लगाव नहीं……टैग होता है..... केमिस्ट्री नहीं.....कमेन्ट होता है...... लव नहीं……लाइक होता है...मीठी नोंकझोंक नहीं……अनफ्रेन्ड होता है....उन्हें बच्चे नहीं केन्डीक्रश सागा, टेम्पल रन और सबवे होता है........ छोडो ये सब बातें.... हम अब वायब्रेशन मोड पे हैं.....हमारी बैटरी भी 1 लाइन पे है.......अरे.!! कहां चलीं..? चाय बनाने.....अरे मैं कहने ही वाला था कि चाय बना दो ना....पता है, मैं अभी भी कवरेज में हूं....और मैसेज भी आते हैं...... दोनों हंस पड़े हां, हमारे जमाने में मोबाइल नहीं थे। लेकिन दिल की बातें दिल समझ लेता था।




Very interesting & message giving story.
ReplyDelete--Shivam Pal