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- मैट्रीमोनी [वैवाहिक] वेबसाइटों के लिए सरकार ने बनाए कडे नियम.........
Posted by : achhiduniya
06 June 2016
वैवाहिक
वेबसाइड के माध्यम से गलत जानकारी देकर जीवन से खिलवाड़ होने की बात को ध्यान मे
रखते हुए साथ ही महिलाओं के उत्पीड़न और
धोखाधड़ी को रोकने के लिए वैवाहिक वेबसाइटों का नियमन करने के सरकार के फैसले की
राष्ट्रीय महिला आयोग ने सराहना की है जिसने माता-पिताओं तथा भावी दुल्हनों को 'वेबसाइट और दूल्हों दोनों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करने के लिए' आगाह किया है। सरकार
ने खाते बनाने के लिए पहचान का सबूत देने को भी अनिवार्य बना दिया है। राष्ट्रीय
महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा है कि परार्मश सिर्फ शुरुआत है और
लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है जिससे कि वे अपने अधिकारों को जान सकें
तथा गड़बड़ी करने वाली वेबसाइटों के खिलाफ सामने आने को उत्साहित हो सकें।
संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने वेबसाइट्स के क्रियान्वन के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी। इसी के साथ, वैवाहिक साइट्स के कानूनी मानक स्पष्ट रूप से निर्धारित किए गए हैं।दिशा निर्देश में कहा गया है कि वैवाहिक वेबसाइट को प्रोफाइल बनाने वाले का आईपी एड्रेस, खाता डिलीट होने के एक साल बाद तक भी रखना होगा। वैवाहिक वेबसाइट के लिए उपभोक्ताओं की मंशा की पुष्टि करना भी अनिवार्य बना दिया गया है।इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसी साइट की सेवाएं प्रदान करने वालों को साइट के होमपेज पर घोषित करना होगा कि वेबसाइट केवल विवाह के मकसद से बनाई गई है और इसमें किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही शिकायतें करने, अच्छा हो कि लिखित के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे कि इस तरह के सेवा प्रदाता अनुपालन के लिए विवश हों।
नए नियमों में यह भी जरूरी किया गया है कि वेबसाइट एक साल तक उपयोगकर्ता का आईपी एड्रेस और एक्सेस लॉग्स सरुक्षित रखें। यह उल्लेख करते हुए कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त नियम हैं, कुमारमंगलम ने कहा कि कानूनों के बारे में जागरूकता की कमी तथा कठिन कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के लिए लोगों की अनिच्छा उन्हें निष्प्रभावी बना देती है।
संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने वेबसाइट्स के क्रियान्वन के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी। इसी के साथ, वैवाहिक साइट्स के कानूनी मानक स्पष्ट रूप से निर्धारित किए गए हैं।दिशा निर्देश में कहा गया है कि वैवाहिक वेबसाइट को प्रोफाइल बनाने वाले का आईपी एड्रेस, खाता डिलीट होने के एक साल बाद तक भी रखना होगा। वैवाहिक वेबसाइट के लिए उपभोक्ताओं की मंशा की पुष्टि करना भी अनिवार्य बना दिया गया है।इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसी साइट की सेवाएं प्रदान करने वालों को साइट के होमपेज पर घोषित करना होगा कि वेबसाइट केवल विवाह के मकसद से बनाई गई है और इसमें किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही शिकायतें करने, अच्छा हो कि लिखित के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे कि इस तरह के सेवा प्रदाता अनुपालन के लिए विवश हों।
नए नियमों में यह भी जरूरी किया गया है कि वेबसाइट एक साल तक उपयोगकर्ता का आईपी एड्रेस और एक्सेस लॉग्स सरुक्षित रखें। यह उल्लेख करते हुए कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त नियम हैं, कुमारमंगलम ने कहा कि कानूनों के बारे में जागरूकता की कमी तथा कठिन कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के लिए लोगों की अनिच्छा उन्हें निष्प्रभावी बना देती है।


