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- नारी के कंधो पर आसमानी सुरक्षा.....वायुसेना में शामिल पहली बार तीन महिला फाइटर पायलट....
Posted by : achhiduniya
18 June 2016
एयरफोर्स अकादमी डिंडिगल में 24 सप्ताह में दूसरे दौर का प्रशिक्षण हासिल कर चुकीं अवनी, मोहना और भावना की असली अग्निपरीक्षा अब बीदर में होगी। वहां एक साल के प्रशिक्षण के दौरान उन्हें फाइटर जेट से उड़ान और हमले की तमाम बारीकियों के अलावा युद्ध के अनुरूप परिस्थितियों से निबटने के लिए जंगल और बर्फीले इलाके में स्वयं की रक्षा, कम ऊंचाई पर उड़ान, हेलिकॉप्टर से हमला, दुश्मन के इलाके से सकुशल वापसी के गुर भी सिखाए जाएंगे। इन तीनो लेडी फाइटर पायलट की ट्रेनिंग भी बेहद सीक्रेट रखी गयी थी, इनके घरवालों तक को नहीं बताया गया था कि ये तीनो देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनने वाली हैं। तीनों ने पहले स्टेज की ट्रेनिंग के तहत करीब 150 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करी है।
अब वे अगले 6 महीने तक ब्रिटेन में बने हॉक एडवांस फाइटर जेट जैसे विमानों को उड़ाएंगीं और फिर स्क्वाड्रन में तैनात कर दी जाएंगीं। वायुसेना में तकरीबन 1500 महिलाएं हैं जिनमें से 94 पायलट और 14 नेवीगेटर हैं। फिलहाल महिलाओं को भारवाहक और हेलिकॉप्टर उड़ाने का मौका दिया जाता है। फ्लाइंग कैडेट अवनी चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं। अवनी के पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और भाई आर्मी में हैं। फ्लाइंग कैडेट भावना कंठ बिहार के बेगुसराय की रहने वाली हैं।फ्लाइंग कैडेट मोहना सिंह गुजरात के वडोदरा की हैं। मोहना के पिता भी एयरफोर्स में वारंट आफिसर हैं।