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- बहुविवाह प्रथा और सती प्रथा की तरह ही ट्रिपल तलाक की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट
Posted by : achhiduniya
30 June 2016
सुप्रीम
कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हम सभी पक्षों को सुनेंगे। यदि यह स्थापित होता है कि मुस्लिम महिलाओं के
मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, तो हम इस पर विचार करेंगे
कि आखिर किस हद तक मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप किया जा सकता है। संविधान के
मूल तत्वों और पूर्व के निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में ट्रिपल तलाक की वैधता की
समीक्षा की जाएगी। अदालत ट्रिपल तलाक,
बहुविवाह प्रथा, पैतृक संपत्ति में मुस्लिम
महिलाओं से भेदभाव के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। ट्रिपल तलाक
संबंधी एक मामले की सुनवाई के दौरान अक्तूबर में एक पीठ ने कहा था, विवाह एवं उत्तराधिकार संबंधी कानून धर्म का हिस्सा नहीं हैं। कानून भी
समय के साथ बदलना चाहिए। अदालत का कहना था कि बहुविवाह प्रथा नैतिक मूल्यों के
खिलाफ है और सरकार सती प्रथा की तरह ही इस प्रथा पर भी रोक लगा सकती है। ट्रिपल
तलाक को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव की मांग का मुस्लिम समूहों द्वारा विरोध
किए जाने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस पर विचार करेगा कि क्या वाकई
मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और किस हद तक इसमें हस्तक्षेप किया
जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।