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- स्वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस भारतीय वायुसेना में शामिल...
Posted by : achhiduniya
01 July 2016
बेंगलूरु में हुए एक कार्यक्रम में तेजस
वायुसेना के स्कॉव्ड्रन में लाइट कॉम्बेट एयरकाफ्ट यानी एलसीए शामिल हो गया। करीब 60 फीसदी देसी विमान का शामिल होना
इस मायने में भी बड़ी बात है कि दुनिया में गिनती के ही देश हैं जो खुद लड़ाकू
विमान बनाते हैं।करीब तीन दशक के लंबे इंतजार के बाद ये लड़ाकू विमान शामिल हो
पाया। फ्लाइंग ड्रैगर स्कॉव्ड्रन में फिलहाल दो तेजस होंगे और अगले साल मार्च तक छह
और आ जायेंगे। तेजस को सरकारी रक्षा उपक्रम, हिंदुस्तान
एयरोनोटिकिल लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है। अभी तेजस सभी मानकों को पूरा किए बिना भी उड़ान
के लिए तैयार है। इस बारे में वायुसेना के अधिकारियों कहना है कि जल्द ही
क्लीरियंस मिल जायेगी।
पिछले महीने ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने तेजस में उड़ान भरने के बाद कहा था कि विमान पूरी तरह से एयरफोर्स में शामिल होने के लिए तैयार है। 2017 तक इस स्कावड्रन में करीब 16 लड़ाकू विमान शामिल हो जायेंगे। वायुसेना एचएएल से 120 तेजस खरीदेगा। एक तेजस की कीमत करीब ढाई सौ (250) करोड़ रूपये है। भारतीय वायुसेना मे देर से सही इसके शामिल होने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जायेगी और देसी होने की वजह से इसके किसी भी चीज के लिये किसी दूसरों का मोहताज नहीं होना होगा।
पिछले महीने ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने तेजस में उड़ान भरने के बाद कहा था कि विमान पूरी तरह से एयरफोर्स में शामिल होने के लिए तैयार है। 2017 तक इस स्कावड्रन में करीब 16 लड़ाकू विमान शामिल हो जायेंगे। वायुसेना एचएएल से 120 तेजस खरीदेगा। एक तेजस की कीमत करीब ढाई सौ (250) करोड़ रूपये है। भारतीय वायुसेना मे देर से सही इसके शामिल होने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जायेगी और देसी होने की वजह से इसके किसी भी चीज के लिये किसी दूसरों का मोहताज नहीं होना होगा।