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- बुजुर्गो का पौष्टिक भोजन कैसा हो.....?
Posted by : achhiduniya
07 July 2016
प्रोसेस्ड
या प्रसंस्कृत बोतलबंद, पैकेट या टिन में बंद बाजारु खानों
से बचें। ऐसे खाना जिसमें प्रिर्जवेटिव, स्वाद बढाने वाले
केमिकल और कृत्रिम मीठा अथवा अलग तरह का नमक मिला हो ऐसा खाना बिल्कुल त्याग दें।
बनावटी रंगों रसायनों से दूरी बढा दें। जल्दी से पकाया जा सकने वाला नाश्ता और
भोजन की विस्तृत सूची और रेसिपी अपने पास रखें। ऐसी चीजें जिसमें पोटेशियम खूब हो।
जैसे जीरा, मेथी, नारियल पानी जैसी
चीजें दें यह मांसपेशियों को लचीला बनाने के साथ रक्तचाप को भी दुरुस्त रखते हैं। आटे
में दही मिलाकर सानें इसकी रोटी गरम और पौष्टिक होगी। दांतोंऔर आंतोंको आराम देने
के लिए खाने को इतना ज्यादा न पकाएं कि उसके पोषक तत्व नष्ट हो जाएं। इसके उलट ऐसे
खाद्य पदार्थ चुनें जो जल्दी पक जाएं। सरसों के तेल का इस्तेमाल करें यह कम
कोलेस्ट्राल बनाता है। बुजुर्गो के खाने के बारे में कुछ ऐसी ही सलाहें जो आप के
काम आएं।
सुबह के समय ब्रोकली, गाजर, गोभी, चुकंदर,कच्चे पपीते, खीरे और मूली के लच्छे, उबले, भीगे और अंकुरित चने, पत्ता गोभी और सलाद के पत्ते,साथ में नींबू का ताजा रस एक चम्मच डालकर सब्जियों की सलाद बनाकर दें। उबला अंडा या अंडे की सफेदी कमजोर हो रहे ऊतकोंकी मरम्मत के लिए बेहतर है। अंडे से परहेज हो तो टोंड दूध जिसमें फैट कम होता है उससे बना पनीर अथवा सोयाबीन से बना टोफू भी बेहतर विकल्प है। चीज या इसकी स्टिक्स भी ऐसा नाश्ता है जो भूख भगा देता है। प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। दोपहर के भोजन में सभी तरह के ताजा फल सेब, संतरा, केला इत्यादि परोसें। ध्यान रखें कि भोजन या नाश्ते में ढेर सारे रंग हों हरा, नारंगी, लाल, भूरा, सफेद हर तरह के मौसमी फल-सब्जियां चुनें। इससे एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर रोधी तत्व मिलते हैं। रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। भरपूर रेशे कब्जियत भगाते हैं। शाम को मैदे से बने बिस्किट या अन्य खाद्य सामग्री ट्रांसफैट वाले चिप्स देने की बजाय मूंगफली, बादाम, काजू अथवा किशमिश, मुनक्का, सूखे अंजीर दें। पॉपकॉर्न इसमें थोड़ा नमक, दालचीनी दाल दें। अगर बाहर जाएं तो बैग में खूब सारा सूखा नाश्ता और मेवे रखें। पीनट बटर, चीज, खीरा आदि लगाकर छोटे चौकोर सैंडविच बना कर दिया जा सकता है। इससे पेट भरा महसूस होगा। ओट को दूध के साथ पका कर दें, यह बुजुर्गो के लिए बढिया नाश्ता है।
रात में डिनर से पहले सब्जियों का सूप बिना क्रीम डाले या इसको गाढा करने वाली कोई चीज मिलाए बिना देना बढिया रहेगा। दोपहर के समय दूध पीना बुजुर्गो के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इससे शरीर की ताकत मिलती है। कई बड़े-बुजुर्ग रात में सोने से पहले दूध पीना पसंद करते हैं। बढती उम्र में भी दूध पीना बचपन जितना ही जरूरी है। रात को हल्दी मिला दूध पीना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे दिन भर की थकान मिटती है। नींद अच्छी आती है। कैल्शियम मिलता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। याददाश्त बढती उम्र में जवाब देने लगती है। अवसाद या डिप्रेशन, सिजियोफ्रेनिया, स्मृतिभ्रंश इत्यादि के खतरे बढ जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट का कम स्तर और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी इसका मुख्य कारण है। दिमाग दुरुस्त रहे इसके लिए रोजर्मरा के खाने में लाल, हरा और बैंगनी चीजों पर ध्यान दें। मछली बिना ज्यादा मसाले के लें। बादाम, सूरजमुखी के दाने, शंखपुष्पी से बने सिरप, टोकू, अखरोट, सेब, पालक इस मामले में बहुत फायदेमंद हैं। प्याज खूब खाएं साथ ही बुजुर्गो को कम से कम 15 ग्लास पानी जरूर पिलाएं।
सुबह के समय ब्रोकली, गाजर, गोभी, चुकंदर,कच्चे पपीते, खीरे और मूली के लच्छे, उबले, भीगे और अंकुरित चने, पत्ता गोभी और सलाद के पत्ते,साथ में नींबू का ताजा रस एक चम्मच डालकर सब्जियों की सलाद बनाकर दें। उबला अंडा या अंडे की सफेदी कमजोर हो रहे ऊतकोंकी मरम्मत के लिए बेहतर है। अंडे से परहेज हो तो टोंड दूध जिसमें फैट कम होता है उससे बना पनीर अथवा सोयाबीन से बना टोफू भी बेहतर विकल्प है। चीज या इसकी स्टिक्स भी ऐसा नाश्ता है जो भूख भगा देता है। प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। दोपहर के भोजन में सभी तरह के ताजा फल सेब, संतरा, केला इत्यादि परोसें। ध्यान रखें कि भोजन या नाश्ते में ढेर सारे रंग हों हरा, नारंगी, लाल, भूरा, सफेद हर तरह के मौसमी फल-सब्जियां चुनें। इससे एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर रोधी तत्व मिलते हैं। रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। भरपूर रेशे कब्जियत भगाते हैं। शाम को मैदे से बने बिस्किट या अन्य खाद्य सामग्री ट्रांसफैट वाले चिप्स देने की बजाय मूंगफली, बादाम, काजू अथवा किशमिश, मुनक्का, सूखे अंजीर दें। पॉपकॉर्न इसमें थोड़ा नमक, दालचीनी दाल दें। अगर बाहर जाएं तो बैग में खूब सारा सूखा नाश्ता और मेवे रखें। पीनट बटर, चीज, खीरा आदि लगाकर छोटे चौकोर सैंडविच बना कर दिया जा सकता है। इससे पेट भरा महसूस होगा। ओट को दूध के साथ पका कर दें, यह बुजुर्गो के लिए बढिया नाश्ता है।
रात में डिनर से पहले सब्जियों का सूप बिना क्रीम डाले या इसको गाढा करने वाली कोई चीज मिलाए बिना देना बढिया रहेगा। दोपहर के समय दूध पीना बुजुर्गो के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इससे शरीर की ताकत मिलती है। कई बड़े-बुजुर्ग रात में सोने से पहले दूध पीना पसंद करते हैं। बढती उम्र में भी दूध पीना बचपन जितना ही जरूरी है। रात को हल्दी मिला दूध पीना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे दिन भर की थकान मिटती है। नींद अच्छी आती है। कैल्शियम मिलता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। याददाश्त बढती उम्र में जवाब देने लगती है। अवसाद या डिप्रेशन, सिजियोफ्रेनिया, स्मृतिभ्रंश इत्यादि के खतरे बढ जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट का कम स्तर और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी इसका मुख्य कारण है। दिमाग दुरुस्त रहे इसके लिए रोजर्मरा के खाने में लाल, हरा और बैंगनी चीजों पर ध्यान दें। मछली बिना ज्यादा मसाले के लें। बादाम, सूरजमुखी के दाने, शंखपुष्पी से बने सिरप, टोकू, अखरोट, सेब, पालक इस मामले में बहुत फायदेमंद हैं। प्याज खूब खाएं साथ ही बुजुर्गो को कम से कम 15 ग्लास पानी जरूर पिलाएं।