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- स्कूल शिक्षा का केंद्र नही...बन चुके हैं पैसा कमाने का धंधा: हाईकोर्ट….
Posted by : achhiduniya
06 July 2016
इन दिनों स्कूल कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं और वे ''पैसा कमाने का धंधा'' बन चुके हैं, बंबई उच्च न्यायालय ने एक बच्चे को उचित कारण के बिना निकाले जाने पर
दक्षिण मुंबई स्थित निजी स्कूल को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति वी.एम.कानडे और
न्यायमूर्ति एम.एस.सोनक ने 12 वर्षीय बच्चे के पिता द्वारा
दक्षिण मुंबई में मरीन लाइन्स स्थित एचवीबी ग्लोबल एकेडमी स्कूल के खिलाफ उच्च
न्यायालय को लिखे गए पत्र का संज्ञान लिया। बच्चे के पिता के अनुसार उसके बेटे को
स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने ड्रेस और अन्य चीजें खरीदने के लिए
स्कूल को 50 हजार रुपए दिए जाने पर आपत्ति जताई थी और सवाल
उठाया था। न्यायमूर्ति कानडे ने कहा, इन दिनों स्कूल पैसा
कमाने का धंधा बन गए हैं।
स्कूलों ने कानून को अपने हाथों में लेना शुरू कर दिया है। लड़के के पिता संतोष मेहता द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार उसने अपने बेटे को सातवीं कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए स्कूल से संपर्क किया था। पत्र में आरोप लगाया गया, स्कूल ने शुरू में 1,09,500 रुपए का शुल्क मांगा, जो मैंने दे दिया, उसकी मेरे पास रसीद है। हालांकि बाद में स्कूल ने ड्रेस, स्कूली किताबों, बैग और अन्य चीजों के लिए 50 हजार रुपए नकद मांगे। जब मैंने अतिरिक्त राशि मांगे जाने पर आपत्ति जताई तो स्कूल अधिकारियों ने मुझे और मेरे परिवार को धमकी देनी शुरू कर दी। मेहता ने दावा किया कि स्कूल अधिकारियों ने धोखे से उनकी पत्नी से एक कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए। इसके आधार पर स्कूल से उनके बेटे को निकाल दिया गया।
स्कूलों ने कानून को अपने हाथों में लेना शुरू कर दिया है। लड़के के पिता संतोष मेहता द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार उसने अपने बेटे को सातवीं कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए स्कूल से संपर्क किया था। पत्र में आरोप लगाया गया, स्कूल ने शुरू में 1,09,500 रुपए का शुल्क मांगा, जो मैंने दे दिया, उसकी मेरे पास रसीद है। हालांकि बाद में स्कूल ने ड्रेस, स्कूली किताबों, बैग और अन्य चीजों के लिए 50 हजार रुपए नकद मांगे। जब मैंने अतिरिक्त राशि मांगे जाने पर आपत्ति जताई तो स्कूल अधिकारियों ने मुझे और मेरे परिवार को धमकी देनी शुरू कर दी। मेहता ने दावा किया कि स्कूल अधिकारियों ने धोखे से उनकी पत्नी से एक कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए। इसके आधार पर स्कूल से उनके बेटे को निकाल दिया गया।