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- बेहद जरूरी क्यो...? गर्भावस्था के दौरान और उसके पहले दांतों की अच्छी देखभाल
Posted by : achhiduniya
01 July 2016
माँ
बनने के दौरान कई छोटी –छोटी बातों का ध्यान रखने की सलाह
दी जाती है। लेकिन अक्सर एक बात को नजर अंदाज किया जाता है। वो है दाँतो की देखभाल
गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन में बड़े बदलाव लाती है। इस दौरान उसे अच्छे
खानपान और सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसी संदर्भ में गर्भावस्था के
दौरान दांतों और मसूढों की विशेष देखभाल भी जरूरी है। इस अवधि में होने वाले
हॉर्मोनल बदलाव के चलते मुंह से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है, जिनसे गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। गर्भावस्था के
दौरान और उसके पहले भी दांतों की अच्छी देखभाल बेहद जरूरी है।
प्रसव के बाद दांतों के प्रति लापरवाही और अपर्याप्त नींद के कारण इस दौरान दांतों में पीलापन, प्लाक बढना, मसूढों से खून आना, सड़न आदि हो सकती हैं। कई हालिया स्टडीज बताती हैं कि दांतों में सड़न के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया मां से बच्चे में पहुंच सकता है, लिहाजा बच्चे के दांतों को सुरक्षित रखने के लिए मां के दांतों का स्वस्थ गर्भावस्था के पहले दांतों की देखभाल जरूरी है। अगर आप बच्चे की प्लानिंग कर रही हैं तो उससे पहले दांतों के डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराना एक अनिवार्य कदम होगा। दांतों की पूरी जांच, क्लीनिंग और किसी प्रकार की कैविटी होने पर उसकी फिलिंग लाभदायक हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान :- रोजाना ब्रश करना और मसूढों की देखभाल जरूरी है। इन दिनों में कई दफा मसूढों में सूजन आ जाती है।
ऐसे में डेंटिस्ट से सलाह लें। अक्सर मॉर्निंग सिकनेस की वजह से महिलाएं ब्रशिंग से बचती हैं। डेंटिस्ट से कन्सल्ट करके उपयुक्त टूथपेस्ट और माउथ वॉश इस्तेमाल कीजिए। अपने डेंटिस्ट को अपनी प्रेगनेंसी और ली जा रही दवाओं की समूची जानकारी दीजिए। टेट्रासाइक्लिन जैसी कुछ दवाएं प्रेगनेंसी के दौरान नहीं दी जाती हैं। इसी तरह एक्सरे भी बेहद जरूरी होने पर विशेष सावधानी के साथ ही करवा सकते हैं। हालांकि पूरे मुंह की क्लीनिंग और फिलिंग जैसी प्रक्रियाएं की जा सकती हैं। रूट कैनाल विशेष सावधानी से किया जा सकता है।
प्रसव के बाद दांतों के प्रति लापरवाही और अपर्याप्त नींद के कारण इस दौरान दांतों में पीलापन, प्लाक बढना, मसूढों से खून आना, सड़न आदि हो सकती हैं। कई हालिया स्टडीज बताती हैं कि दांतों में सड़न के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया मां से बच्चे में पहुंच सकता है, लिहाजा बच्चे के दांतों को सुरक्षित रखने के लिए मां के दांतों का स्वस्थ गर्भावस्था के पहले दांतों की देखभाल जरूरी है। अगर आप बच्चे की प्लानिंग कर रही हैं तो उससे पहले दांतों के डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराना एक अनिवार्य कदम होगा। दांतों की पूरी जांच, क्लीनिंग और किसी प्रकार की कैविटी होने पर उसकी फिलिंग लाभदायक हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान :- रोजाना ब्रश करना और मसूढों की देखभाल जरूरी है। इन दिनों में कई दफा मसूढों में सूजन आ जाती है।
ऐसे में डेंटिस्ट से सलाह लें। अक्सर मॉर्निंग सिकनेस की वजह से महिलाएं ब्रशिंग से बचती हैं। डेंटिस्ट से कन्सल्ट करके उपयुक्त टूथपेस्ट और माउथ वॉश इस्तेमाल कीजिए। अपने डेंटिस्ट को अपनी प्रेगनेंसी और ली जा रही दवाओं की समूची जानकारी दीजिए। टेट्रासाइक्लिन जैसी कुछ दवाएं प्रेगनेंसी के दौरान नहीं दी जाती हैं। इसी तरह एक्सरे भी बेहद जरूरी होने पर विशेष सावधानी के साथ ही करवा सकते हैं। हालांकि पूरे मुंह की क्लीनिंग और फिलिंग जैसी प्रक्रियाएं की जा सकती हैं। रूट कैनाल विशेष सावधानी से किया जा सकता है।