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- बीमा कंपनियां को देंना होगा सामाजिक क्षेत्र के कारोबार का ब्यौरा….. इरडा
Posted by : achhiduniya
05 July 2016
बीमा
कंपनियों को यह बताना है कि किसी वित्त वर्ष में कुल पालिसी में से ग्रामीण
क्षेत्र की पॉलिसी का क्या प्रतिशत है। सामाजिक क्षेत्र के तहत जीवन बीमा कंपनियों
को समीक्षाधीन वित्त वर्ष में सामाजिक क्षेत्र के दायरे में आने वाली पॉलिसियों की
संख्या के ब्योरा देना होता है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने
बीमा कंपनियों से कहा है कि वे ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्रों में अपने कारोबार का
ब्योरा दें। इसका मकसद यह पता लगाना है कि बीमा कंपनियां इन दो खंडों में अपने
उत्तरदायित्व का निर्वाह कर रही हैं या नहीं। इरडा ने जीवन बीमा कंपनियों से
ग्रामीण क्षेत्र के तहत आने वाली पॉलिसियों की संख्या के बारे में जानकारी देने के
लिए कहा है। साधारण एवं स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में अर्जित
प्रीमियम की राशि का ब्योरा भी देना होता है कि कुल प्रीमियम में उनका कितना
अनुपात है। वे सामाजिक क्षेत्र में अपने कारोबार का भी ब्योरा देती हैं। मुख्य
कार्यकारी या प्रधान अधिकारी द्वारा सालाना प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य है। नियम
के मुताबिक कारोबार के पहले साल में जीवन बीमा क्षेत्र की कंपनियों सात प्रतिशत
पॉलिसियां ग्रामीण क्षेत्र से होना अनिवार्य है।