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Posted by : achhiduniya
12 April 2018
# चार से विवाद मत करो:- 1. मूर्ख से, 2. पागल से, 3. गुरु से और, 4. माता पिता से। # चार में शर्म नही करना:-1. पुराने कपड़ो में, 2. ग़रीब साथियों में, 3. बूढ़े माता-पिता में, 4. सादे रहन-सहन में। # चार दुर्लभ गुण:-1. धन के साथ पवित्रता, 2. दान के साथ विनय, 3. वीरता के साथ दया, 4. अधिकार के साथ सेवाभाव। # चार से चार भाग जाते है:- 1. देव-गुरु दर्शन से दरिद्रता, 2. भगवान की वाणी से पाप, 3. जागते रहने से चोर, 4. मौन रहने से क्रोध। किस उद्देश्य से गीता का पाठ करना चाहिए......?
1 युवओं को - जीवन जीने का सही तरीका सिखने के लिए।
2. बुर्जुगों को - मृत्यु का सही अर्थ और मोक्ष प्राप्ति सिखने के लिए।
3. व्याकुल को - बुद्धिमत्ता यानी सही रास्ता जानने के लिए।
4. क्रोधी को - मानवता सिखने के लिए।
5. अमीर को - दया और सहानुभूति की भावना सीखने के लिए।
6. कमजोर को - शक्ति और सामर्थ्य पाने के लिए।
7. ताकतवर को - अपनी ताकत को सही दिशा देने के लिए।
8. अशांत - मन की शांति के लिए।
9. पापी का - प्रायश्चित के लिए।
10. भटके हुए मनुष्य को - सही मार्गदर्शन के लिए
# आर्थिक स्थिति कितनी भी अच्छी हो जीवन का सही आनंद लेने के लिए मानसिक स्थिती अच्छी होनी चाहिए। घर में सोफासेट हो, डिनरसेट हो, टीवीसेट हो, पर माइंडसेट न हो तो आप कहीं भी सेट नही हो सकते। # परिवार से बड़ा कोई "धन" नहीं! "पिता" से बड़ा कोई "सलाहकार" नहीं! "माँ" की छाव से बड़ी कोई "दुनिया" नहीं! "भाई" से अच्छा कोई "भागीदार" नहीं! "बहन" से बड़ा कोई "शुभचिंतक" नहीं! "पत्नी" से बड़ा कोई "दोस्त" नहीं इसलिए "परिवार" के बिना "जीवन" नहीं।


