- Back to Home »
- International News »
- नवाज शरीफ 10 साल,मरियम शरीफ 7 साल के लिए सलाखों के पीछे....
Posted by : achhiduniya
06 July 2018
पनामा पेपर्स के नाम से लीक हुए दस्तावेजों को सामने लाने में मुख्य भूमिका अमेरिका स्थित एक एनजीओ खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय महासंघ (ICIJ) की है। आईसीआईजे ने दस्तावेजों की गहरी छानबीन की। आईसीआईजे को किसी अज्ञात सूत्र ने इन दस्तावेजों को उपलब्ध कराया था। जांच में नवाज शरीफ के अलावा कई फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों समेत करीब 140 लोगों की संपत्ति का भी खुलासा हुआ था। भारत से भी कुछ लोगों के नामों का जिक्र पनामा पेपर्स में किया गया था। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनकी बेटी मरियम को भी कोर्ट ने 7 साल की सजा का ऐलान किया है। अदालत के 100 पन्ने के फैसले में नवाज शरीफ पर 1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। वहीं नवाज की बेटी मरियम पर 26 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। फैसले में शरीफ के दामाद कैप्टन (अवकाशप्राप्त) सफदर को एक साल की सजा सुनाई गई है। ये फैसला पनामा पेपर्स कांड से जुड़े भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक में आया है। नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी। शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने उनकी मदद की,नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अनडिक्लियर्ड इनकम लगाई गई। शरीफ की विदेश में इन प्रॉपर्टीज की बात उस वक्त सामने आई जब लीक हुए पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका मैनेजमेंट शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं। शरीफ के परिवार के लंदन के 4 अपार्टमेंट से जुड़ा मामला भी उन 8 मामलों में शामिल है जिनकी नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 1999 में जांच शुरू की थी।
