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- जिंदगी इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण....राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
Posted by : achhiduniya
16 July 2018
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अखबार की रिपोर्ट कहती है कि 60 हजार लोग प्रदूषण के कारण मरे हैं। आप क्या कर
रहे हैं? लोग शहर में प्रदूषण के कारण मर रहे हैं। आपको पता
भी नहीं है कि रिपोर्ट सही है या नहीं? लेकिन आपकी अपनी
रिपोर्ट भी कहती है कि प्रदूषण के कारण लोग मर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
हम एक बात साफ करना चाहते हैं कि देश की जनता इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। राजधानी दिल्ली में बढ़ते पलूशन के मामले की
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के लोगों
की जिंदगी इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान
एक रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया कि 2017 में प्रदूषण के कारण 60 हजार लोगों की जान गई।
1985 में एमसी मेहता की ओर से अर्जी दाखिल कर राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह बताए कि लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा, इसकी स्टडी किए बिना ही क्या पेट कोक आयात की इजाजत दे दी गई थी? जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तब खिंचाई की जब मंत्रालय ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा। अदालत ने कहा कि लगता है कि आप पेट कोक को इजाजत देने में काफी जल्दी में लगते हैं।
क्या पिछली बार आपने पेट कोक के आयात से पहले स्टडी की थी? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) को पहले दिल्ली में लागू करे क्योंकि दिल्ली के लोग प्रदूषण के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देशभर में 100 शहरों में एनसीएपी के जरिए वायु प्रदूषण से निपटना है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था, आपके पास कई प्रोग्राम हैं लेकिन आपने उसे लागू नहीं किया। आप प्रदूषण से निपटने के लिए प्रोग्राम लागू कर नहीं रहे और आप पैन इंडिया की बात कर रहे हैं, पहले आप एनसीएपी तो लागू करें।
1985 में एमसी मेहता की ओर से अर्जी दाखिल कर राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह बताए कि लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा, इसकी स्टडी किए बिना ही क्या पेट कोक आयात की इजाजत दे दी गई थी? जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तब खिंचाई की जब मंत्रालय ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा। अदालत ने कहा कि लगता है कि आप पेट कोक को इजाजत देने में काफी जल्दी में लगते हैं।
क्या पिछली बार आपने पेट कोक के आयात से पहले स्टडी की थी? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) को पहले दिल्ली में लागू करे क्योंकि दिल्ली के लोग प्रदूषण के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देशभर में 100 शहरों में एनसीएपी के जरिए वायु प्रदूषण से निपटना है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था, आपके पास कई प्रोग्राम हैं लेकिन आपने उसे लागू नहीं किया। आप प्रदूषण से निपटने के लिए प्रोग्राम लागू कर नहीं रहे और आप पैन इंडिया की बात कर रहे हैं, पहले आप एनसीएपी तो लागू करें।