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- राज्य नेतृत्व गठबंधन के चलते आंतरिक कलय से जूझ रही कांग्रेस.....
Posted by : achhiduniya
08 July 2018
कांग्रेस की दिल्ली इकाई में भी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन से साफ तौर पर मना कर दिया है, लेकिन राहुल गांधी ने अब तक इस बारे में अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया है। इसी तरह की हालत पार्टी शासित पंजाब में भी है। वहां राज्य नेतृत्व आप के साथ किसी भी गठबंधन के सख्त खिलाफ है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में हालांकि कांग्रेस बसपा के साथ गठबंधन करने का प्रयास कर रही है ताकि भाजपा विरोधी मतों के बिखराव को रोका जा सके, लेकिन शुरूआती रिपोर्ट बहुत अधिक सफलता का संकेत नहीं देती है। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस के सभी नेता बसपा के साथ गठबंधन का समर्थन नहीं कर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का महागठबंधन बनाने के कांग्रेस के प्रयासों को पार्टी के भीतर से ही चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस सप्ताह पार्टी को अपनी पश्चिम बंगाल इकाई से ही काफी असंतोष का सामना करना पड़ा। वहां राज्य नेतृत्व गठबंधन के विकल्पों को लेकर काफी बंटा हुआ है।
जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल कांग्रेस का एक हिस्सा विपक्षी वाम मोर्चा के साथ गठबंधन की वकालत कर रहा है, वहीं कांग्रेस सचिव और स्थानीय विधायक मोइनुल हक के नेतृत्व वाला एक अन्य खेमा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन का समर्थन कर रहा है। हक और उनके कुछ समर्थकों के पाला बदलकर तृणमूल के साथ जाने की अटकलों के बीच संकट को थामने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस सप्ताह पार्टी के राज्य के सभी नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करनी पड़ी थी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा बनने को तैयार है. हालांकि, पार्टी सपा और बसपा की मंशा से घबराई हुई है। ये दोनों पार्टियां 2019 के चुनाव में सीटों की साझीदारी में कांग्रेस को बड़ा हिस्सा नहीं देना चाहते हैं। कर्नाटक में कांग्रेस का जद (एस) के साथ तालमेल है। बिहार में भी जद (यू) को महागठबंधन में फिर से शामिल करने को लेकर उसकी पुरानी सहयोगी राजद से अलग राय है।

