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- अच्छे सुविचार जीवन का आधार....
Posted by : achhiduniya
27 July 2018
मनुष्य का अमूल्य धन उसका
व्यवहार है, इस धन से
बड़कर संसार में कोई और धन नहीं। पैसा आता है चला जाता है, पैसा
आपके हाँथ में नहीं है पर व्यवहार आपके हांथों में हैं। व्यवहारिक बने, सदैव प्रसन्न रहें अनायास प्राप्त हुआ धन, पुरुषार्थ रहित जीवन
और भूख बिना भोजन ये तीनों भले ही थोडे समय के लिए आनंद दें,लेकिन
कुल मिलाकर हानिकारक होते हैं। कहने को सब कहते हैं, कि Reality
भी जरूरी हैं पर रिश्तों को जो जोड़ रखे, वो Quality
भी जरूरी हैं।
मेरी झूठी मुस्कान से मेरी शख्सियत झूठी न समझो ये आज कल के रिश्ते हैं, थोड़ी formality भी जरूरी हैं। ये पैसा भी अजीब चीज है, जिसके पास नहीं है उसकी कोई इज्जत नहीं और जिसके पास है उसे किसी की इज्जत नहीं। जैसे जल द्वारा परिपूर्ण समुद्र में सम्पूर्ण नदियों का जल चारों ओर से आकर मिलता है पर समुद्र अपनी मर्यादा में अचल प्रतिष्ठित रहता है, ऐसे ही सम्पूर्ण भोग-पदार्थ जिस संयमी मनुष्य में विकार उत्पन्न किये बिना ही उसको प्राप्त होते हैं, वही मनुष्य परम शांति को प्राप्त होता है, भोगों की कामना वाला नहीं।
मेरी झूठी मुस्कान से मेरी शख्सियत झूठी न समझो ये आज कल के रिश्ते हैं, थोड़ी formality भी जरूरी हैं। ये पैसा भी अजीब चीज है, जिसके पास नहीं है उसकी कोई इज्जत नहीं और जिसके पास है उसे किसी की इज्जत नहीं। जैसे जल द्वारा परिपूर्ण समुद्र में सम्पूर्ण नदियों का जल चारों ओर से आकर मिलता है पर समुद्र अपनी मर्यादा में अचल प्रतिष्ठित रहता है, ऐसे ही सम्पूर्ण भोग-पदार्थ जिस संयमी मनुष्य में विकार उत्पन्न किये बिना ही उसको प्राप्त होते हैं, वही मनुष्य परम शांति को प्राप्त होता है, भोगों की कामना वाला नहीं।