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- सरकारी वकील हो या सरकार के चम्मच?......सुप्रीम कोर्ट
Posted by : achhiduniya
09 August 2018
सुप्रीम कोर्ट ने कसौली में अवैध निर्माणों खासकर अवैध होटलों को ढहाने के आदेश दिए थे। इस कार्रवाई से गुस्साए होटल मालिक ने एक महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसको संज्ञान में लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू की थी। हिमाचल प्रदेश के कसौली में अवैध निर्माण के मामले पर चल रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील पर कठोर टिप्पणी की है। कोर्ट ने हिमाचल सरकार के वकील अभिनव मुखर्जी से पूछा कि क्या वह वकील हैं या राज्य सरकार के चम्मच? दरअसल सुप्रीम कोर्ट को यह कठोर टिप्पणी इसलिए करनी पड़ी क्योंकि सरकारी वकील मुखर्जी ने सुनवाई कर रही बेंच के एक जज पर सवाल खड़े किए। मुखर्जी ने कहा कि अवैध मामले से ही संबंधित एक याचिका पर सुनवाई हिमाचल प्रदेश के हाई कोर्ट में भी चल रही हैं। इस मामले में याचिकाकर्ता पूनम गुप्ता हैं, जो कि सुप्रीम कोर्ट में कसौली मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस दीपक गुप्ता की पत्नी हैं। मुखर्जी ने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का एक कागजात कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया।
इस पर मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ बिफर पड़ी। दो सदस्यीय इस पीठ ने मुखर्जी से पूछा कि क्या उन्होंने यह याचिका पढी है? यह मामला कुछ ओर है और जंगल की जमीन से जुडा मामला है। पीठ ने कहा कि सरकारी वकील को बिना पूरे मामले को जाने इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कोर्ट के एक काबिल वकील हैं। आपको किसी सरकार के प्रवक्ता की तरह बात नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने मुखर्जी से कहा कि आपको खुद पहले चीजों को समझना चाहिए और फिर जाकर ही कोई टिप्पणी करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद मुखर्जी से दो महीने के भीतर फिर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

