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- बोहरा मुसलमान कौन हैं...कैसे बनते है इनके उत्तराधिकारी....?
Posted by : achhiduniya
18 September 2018
देश में 20 लाख से ज्यादा बोहरा समुदाय की आबादी है,जिसमें 15 लाख दाऊदी बोहरा हैं। बोहरा समुदाय के लोग विदेशों में भी खूब रहते हैं। बोहरा शिया और सुन्नी दोनों होते हैं। दाऊदी बोहरा शियाओं से समानता रखते हैं। वहीं सुन्नी बोहराहनफी इस्लामिक कानून को मानते हैं। बोहरा समाज आम मुस्लिमों से कुछ अलग होता है। इस समाज में काफी पढ़े-लिखे होते हैं। इनकी आबादी देश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कोलकाता, चेन्नई आदि स्थानों पर प्रमुख रूप से है। पाकिस्तान, यूएसए, दुबई, अरब, यमन, ईराक आदि देशों में भी आबादी फैली है। इनमे धर्मगुरु को सैय्यदना कहते हैं।
सैय्यदना जो बनता है, उसी को बोहरा समाज अपनी आस्था का केंद्र मानता है। बोहरा समाज पर्यावरण के क्षेत्र में अच्छे काम ही नहीं बल्कि समाजसेवा के लिए भी जाना जाता है। यह काम ट्रस्ट के जरिए किया जाता है। महाराष्ट्र में बोहरा समाज की दावते हादिया नामक एक ट्रस्क की संपत्ति हजार करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। गुजरात सहित कई राज्यों में बोहरा समाज की ट्रस्ट संचालित हैं। बोहरा इमामों को मानते हैं। बोहरा गुजराती शब्द वहौराऊ यानी व्यापार का अपभ्रंश बताया जाता है।
दाऊदी बोहराओं का मुख्यालय मुंबई में है। 21 वें और अंतिम इमाम तैयब अबुल कासिम के बाद 1132 से आध्यात्मिक गुरुओं की परंपरा शुरू हुई, जिन्हें दाई-अल-मुतलक कहते हैं। जब 52 वे दाई-अल-मुतलक सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का निधन हुआ तो 2014 से बेटे सैयदना डॉ. मुफद्दुल सैफुद्दीन उत्तराधिकारी बने। सैफुद्दीन 53 वें दाई-अल-मुतलक हैं।