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- डीसीजन मेकिंग पावर से मिलती है प्रोग्रेस....
Posted by : achhiduniya
23 October 2018
बिजनेस मे सफलता के लिए किसी प्रोजेक्ट के लिए रणनीति तय करने या किसी पुरानी नीति में बदलाव करने जैसे डिसीजन अगर आपके हाथ में है और ये डिसीजन मेजर हैं। जैसे किस कंपनी के साथ आपने डील करना है, किसका साथ छोड़ना है, ये भी फैसले आप ही करते है तो इसमें किसी की फालतू दखलअंदाजी बर्दाश्त न करें। कुछ एक डिसीजन ऎसे होते हैं, जो आपके टीम मेंबर खुद ही ले सकते हैं। ये डिसीजन उनके अपने बैठने के स्थान को बदलने को लेकर हो सकते हैं, अपनी छुट्टी एडजस्ट कराने के हो सकते हैं।
आम तौर पर ये माइनर डिसीजन हैं। बिजनेस में डिसीजन लेने के अधिकार क्षेत्र के बारे में स्पष्टता लाकर आप बना सकते हैं टीम के भीतर कामकाज को और सरल।एक टीम के तौर पर काम करते हुए डिसीजन मेकिंग से आपका सामना कई स्तरों पर होता है। दुविधा तब होती है जब या तो टीम मेबर अपनी मर्जी से कोई भी डिसीजन लेने लग जाते हैं, या फिर सारे ही डिसीजन्स के लिए आपकी स्वीकृति का इंतजार करते रहते हैं। इन स्थितियों से बचने के लिए अपने अंदर डिसीजन मेकिंग में स्पष्टता लाएं।
टीम मेंबर्स को पता होना चाहिए कि उनके अधिकार में कौनसे फैसले आते हैं और कौनसे नहीं। मीडियम डिसीजन्स में फैसला आपकी नॉलेज में होता है। कंपनी के सामने बड़ा प्रोजेक्ट हो, तो कुछ माइनर डिसीजन भी मीडियम हो जाते हैं। तब कोई प्रोजेक्ट हेड अचानक छुट्टी लेने का फैसला अपनी मर्जी से नहीं कर सकता। इसका भी ध्यान आप को रखना चाहिए जिससे आपके कंपनी को वित्तीय समस्या का सामना न करना पड़े।