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पहली न्यूक्लियर सबमरीन [परमाणु पनडुब्बी] आईएनएस अरिहंत जल, थल और नभ मे छुड़ाएगी दुश्मन के छ्क्के......
Posted by : achhiduniya
05 November 2018
देश के प्रधानमंत्री मोदी ने इस धनतेरस पर देश की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को देश को समर्पित कर दी। अरिहंत सोमवार को ही अपना पहला गश्ती अभियान पूरा कर लौटा है। आईएनएस अरिहंत की खास बाते:- अरिहंत का मतलब होता है दुश्मन को नष्ट करने वाला। जल में मारक क्षमता तैयार करने के लिए इसे कई तरह के परीक्षणों से गुजरना पड़ा। ऐसी ही दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिधमान भी लगभग तैयार हो चुकी है, इसकी डिलिवरी अगले साल होने की संभावना है। यह जल, थल और नभ में मार करने में सक्षम है। इसे न्यूक्लियर ट्रायड भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है तीनों स्तर की सुरक्षा। यह पहले ही मिराज-2000 और अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल से लैस था।
जबकि जल में इसकी क्षमता अभी तक नहीं थी, लेकिन
अब यह पानी के अंदर वार करने में भी पूरी तरह सक्षम है। इस रेस में अमेरिका 70 से
ज्यादा न्यूक्लीयर पनडुब्बियों के साथ पहले नंबर पर है, जबकि
30 पनडुब्बियों के साथ रूस दूसरे नंबर पर है। यूके के पास 12 और फ्रांस के पास 12
पनडुब्बियां हैं। जहां चीन,
अमेरिका और रूस की पनडुब्बियां 5000 किलोमीटर तक मारक क्षमता
वाली हैं, वहीं
आईएनएस अरिहंत की क्षमता 750 से 3500 किलोमीटर तक की है। न्यूक्लियर सबमरीन के लिए
भारत का प्रयास 1970 में शुरू हुआ था। हालांकि इसका निर्माण 90 के दशक में शुरू
हुआ था।
जो सीक्रेट अडवांस्ड टेक्नॉलजी वेसेल प्रॉजेक्ट के तहत शुरू हुआ था। आईएनएस
अरिहंत को पहली बार साल 2009 में विशाखापत्नम में शिप बिल्डिंग सेंटर में लॉन्च
किया गया था। 2016 में अरिहंत को प्रेरण के लिए रखा गया वहीं इसी साल अगस्त में इसे
सेवा के लिए सौंप दिया गया।