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- हमें पिछले राफेल डील सौदे को रद्द किए जाने की जानकारी नहीं.....HAL के चेयरमैन आर.माधवन
Posted by : achhiduniya
03 November 2018
कांग्रेस द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के सीईओ हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ समझौते की बात कर रहे हैं। ये वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे से से 17 दिन पहले का बताया जा रहा है। इसी दौरे में डील पर दस्तख़त हुए, लेकिन एचएएल को डिल में जगह नहीं मिली। ये वीडियो 25 मार्च 2015 का है। इस कार्यक्रम में राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन की मौजूदगी में उम्मीद जताई थी कि जल्द ही डसॉल्ट और एचएएल के समझौते पर मुहर लग जाएगी।
एक तरफ विपक्षी दलों का आरोप है
कि पीएम मोदी की अगुवाई में हुए नए सौदे में सरकारी कंपनी HAL यानी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को नजरंदाज किया गया और इसकी जगह
अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया गया। जबकि यूपीए के समय होने वाली डील में
HAL भी शामिल थी। अब एचएएल ने कहा है कि उन्हें पता ही नहीं
था कि पिछले राफेल सौदे को भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन
(राजग) सरकार रद्द कर चुकी है और नए सिरे से राफेल के लिए दसॉल्ट एविएशन से सौदा
किया गया है। HAL के
चेयरमैन आर. माधवन ने कहा, हमें पिछले सौदे को रद्द किए जाने
की जानकारी नहीं थी। हम राफेल पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि
अब हम इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने
फ्रांस की लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन के साथ 125 राफेल विमानों का सौदा किया था। जिसमें से 108
विमानों का निर्माण लाइसेंस्ड प्रोडक्शन के तहत HAL द्वारा
किया जाना था और 18 विमानों का निर्माण फ्रांस में कर उसे
भारत लाने की योजना थी। ये विमान भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जाने थे। हालांकि
यह सौदा आगे नहीं बढ़ा।