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- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार पर 25 करोड़ रुपए का लगाया जुर्माना.....
Posted by : achhiduniya
03 December 2018
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना रखा
है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण संबंधी शिकायतों का हल नहीं निकालने वाली
स्थानीय एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। किसी ना किसी को जेल भेजा जाना
चाहिए,यही एक तरीक है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य
सुनवाई में दिल्ली और NCR में प्रदूषण के मामले को लेकर सुप्रीम
कोर्ट ने वाहनों के कलर कोड स्टीकर पर कानून मंत्रालय से नियमों में बदलाव के हालत
पर जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंत्रालय जवाब दे कि प्रदूषित वाहनों
की पहचान के लिए बनी इस योजना का क्या हुआ?
देश की
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर राष्ट्रीय हरित
न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
इसके साथ ही कहा है कि यह 25 करोड़ रुपए की रकम सरकारी खजाने से नहीं,बल्कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों की सैलरी और
प्रदूषण फैलाने वाले लोगों से वसूली जाएगी। अगर दिल्ली सरकार यह राशि वसूलने में नाकाम
रहती है तो उससे हर महीने 10 करोड रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। प्रदूषण से जुड़ी
तकरीबन आधा दर्जन याचिकाओं पर एनजीटी सुनवाई कर रहा था, जिनमें एनजीटी के पिछले आदेशों का पालन नहीं किया
गया।
इसमें एक मामला अक्टूबर में रोहिणी के आवासीय इलाके से जुड़ा हुआ था, जिसमें 200 से ऊपर कार वर्कशॉप को बंद करने के
आदेश दिए हैं। क्योंकि इसके चलते उस इलाके में अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या और
प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहता था। यह सभी कार वर्कशॉप अवैध रूप से इलाके में चल रही
थीं।


