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- नकली चेक के भरोसे चुकाया कर्ज.....
Posted by : achhiduniya
11 December 2018
एक युवक बुरी तरह कर्ज में डूब गया। उसे अपनी तमाम जमीन जायदाद
गिरवी रखना पड़ी। रिश्तेदारों और दोस्तों ने भी उससे मुंह फेर लिया। मदद के सब
दरवाजे बंद हो गए। हताश और निराश था। उसके दिमाग में खुदकुशी के विचार आने लगे। एक
दिन जब वह सिर पकड़कर पार्क में बैठा था,तभी वहां एक
बुजुर्ग पहुंचा। बुजुर्ग व्यक्ति ने चिंता का कारण पूछा तो उसने अपनी सारी कहानी
बता दी। बुजुर्ग शख्स ने कहा- चिंता मत करो,मेरा नाम सेठ
धनीराम है। मैं यहां का सबसे अमीर आदमी हूं। युवक ने भी धनीराम का नाम सुन रखा था।
धनीराम ने कहा कि मैं तुम्हे कर्ज देने को तैयार हूं क्योंकि तुम मुझे बेहद
ईमानदार लग रहे हों।
जेब से चेकबुक निकालकर उन्होंने अमाउंट लिखा और बिना तारीख
लिखा चेक उसे सौंपते हुए कहा कि ये लो तुम्हारे कर्ज की पूरी धनराशि। जब तुम अपने
कर्ज की किस्त न भर पा रहे हों, कोई चारा न
बचें, तो इस चेक से पैसे निकालकर अपना कर्ज चुका
देना। लेकिन खुदकुशी मत करना। युवक घर आया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि आज के
जमाने में कोई ऐसा युवक भी हो सकता है। व्यक्ति ने टेंशन फ्री होकर अपना काम करना
शुरू किया। धैर्य और मेहनत के साथ वह काम करता गया। उसका कारोबार खूब चमकने लगा।
जमकर कमाई होने लगी। महज 1 साल में उसने अपना 70 फीसदी कर्ज चुका दिया।
अब उसे
पूरा यकीन हो गया था कि शेष कर्ज वो आसानी से चुका देगा। बुजुर्ग अमीर युवक ने जो
उसे चेक दिया था वो वैसा का वैसा घर में रखा था। उसने उसे वापस करने का सोचकर उसी
पार्क मे जाने लगा जहां वह अमीर आदमी मिला था। एक दिन वही अमीर आदमी दूर से आता
दिखा। जब वे पास पहुंचे तो युवक ने उन्हें शुक्रिया कहा। उनकी ओर चेक बढ़ाकर उसने
कुछ कहने के लिए मुंह खोला ही था कि एक नर्स भागते हुए आई और बुजुर्ग को मजबूती के
साथ पकड़ लिया। नर्स ने कहा कि यह पागल है और बार-बार पागलखाने से भाग जाता हैं, ये अपने अमीर होने का दावा करके लोगों को नकली
चेक बांटता फिरता है।
तो इस तरह एक नकली चेक ने युवक को नया जीवन दे दिया। इस
कहानी से मिलती है ये तीन सीखें 1-जिंदगी में सब कुछ चला जाए तो भी उम्मीद मत
छोड़ना।2- लड़ने की ताकत आपके भीतर ही छुपी है, खुद पर यकीन
कीजिए।3- हमारी तरक्की की राह में सबसे बड़ी बाधा हम खुद हैं। हमको हराने वाले भी
हम हैं और जिताने वाले भी हम।



