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जंगल में शिकार करने का कार्य शेरनी करती है, शेर नहीं....सुषमा स्वराज ने दिया महिलाओं को सक्सेस मंत्र
Posted by : achhiduniya
09 December 2018
भारत सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं आगरा विश्वविद्यालय द्वारा
संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय नारी शक्ति कुम्भ एक वैचारिक मंथन कार्यक्रम में देश भर से आईं पांच हजार महिलाओं
को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपनी
बेटियों को सिखाएं कि वे अपने शब्दकोश से तुम कुछ नहीं कर सकतीं’ वाक्य निकाल दें क्योंकि, वह भी, वह सब कर सकती
हैं जो पुरुष कर सकते हैं। उन्होंने वर्तमान नारी को अपनी शक्ति पहचानने की सलाह
देते हुए सुषमा ने कहा, समय बदल चुका है। नारी समाज को भी अपनी
मानसिकता बदलनी होगी और अपनी शक्ति पहचाननी होगी। जंगल में शिकार करने का कार्य
शेरनी करती है, शेर नहीं करते। वही पहले शेर को और बच्चों
को खिलाती है। उनके बाद खुद अपना पेट भरने की सोचती है।
इसी प्रकार हाथियों के
झुण्ड का नेत्रृत्व भी हथिनी ही करती है, जो उसकी
बौद्धिक क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, नारी को अब यह वाक्य अपने शब्दकोश से ही निकाल
देना चाहिए कि तुम कुछ नहीं कर सकतीं’। क्योंकि, सच्चाई यह है कि आज जो कुछ भी पुरुष कर सकते हैं, वह स्त्री भी कर सकती है। यही बात उन्हें अपनी
बेटियों को भी सिखानी होगी। ऐसा करने से ही पूरे समाज की सोच बदलेगी। वृन्दावन में आयोजित किए जा रहे नारी शक्ति कुम्भ
की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा, पुरुष व नारी राष्ट्र के दो पहिए हैं जिनके कंधों
पर राष्ट्र को ऊंचाइयों पर ले जाने की जिम्मेदारी है। इसलिए दोनों में आपसी
सामंजस्य होना चाहिए। नारी शक्ति
कुम्भ कार्यक्रम में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भाग लिया। इस बीच, प्रथम दिन के विभिन्न सत्रों में गोवा की
राज्यपाल मृदुला सिन्हा, उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता
बहुगुणा जोशी, बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास व पुष्टाहार
मंत्री अनुपमा जायसवाल, स्थानीय सांसद हेमामालिनी व ऊर्जामंत्री
श्रीकांत शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किए।

