- Back to Home »
- Technology / Automotive »
- आपके कंप्यूटर पर होगा सरकार की पैनी नजर का रिमोट कंट्रोल......
Posted by : achhiduniya
21 December 2018
गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर के डेटा की जांच के लिए 10 केंद्रीय
एजेंसियों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। जांच एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद
डेटा की जांच कर सकेंगी। यानी अब सरकार सभी कंप्यूटर के डेटा खंगाल सकती है। ये
पहली बार है जब कई एजेंसियों को ऐसे अधिकार दिए गए हैं। केंद्रीय गृह सचिव राजीव
गौबा ने कल इस बारे में आदेश जारी किए। इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA तक दस केंद्रीय एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर
में मौजूद, रिसीव और स्टोर किए गए डेटा समेत किसी भी
तरह की जानकारी हासिल कर सकेंगी. इसके साथ ही उन्हें उस डिवाइस और डाटा की निगरानी, उसे रोकने और उसे डिक्रिप्ट करने का भी अधिकार
होगा।
इस आदेश के अनुसार सभी सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइडर और कंप्यूटर के
मालिकों को जांच एजेंसियों को तकनीकी सहयोग देना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उन्हें 7 साल की सज़ा देने के साथ जुर्माना
लगाया लगाया जा सकता है। इस आदेश में यह भी नहीं साफ है कि कथित डाटा से क्या मतलब
है और कौन सा ऐसा डेटा है जो ख़तरे का सबब हो सकता है। हालांकि यह साफ है कि किसी
भी यूजर को उसके यूजर डेटा से बिना जरूरी आदेश के नहीं रोका जा सकेगा। यह सेक्शन
यह भी कहता है कि ऐसा तभी किया जाएगा अगर राष्ट्रीय संप्रभुता, भारतीय रक्षा, सुरक्षा, विदेशों से दोस्ताना संबंधों या पब्लिक ऑर्डर
बिगाड़ने की संभावना हो।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिन 10
एजेंसियों के पास अधिकार यह होगा वे हैं-1. इंटेलिजेंस ब्यूरो 2. नारकोटिक्स
कंट्रोल ब्यूरो 3. प्रवर्तन निदेशालय 4. सेंट्रल टैक्स बोर्ड 5. राजस्व खुफिया
निदेशालय 6. केंद्रीय जांच ब्यूरो 7. राष्ट्रीय जांच एजेंसी 8. कैबिनेट सचिवालय
(आर एंड एडब्ल्यू) 9. डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और आसाम के क्षेत्रों में) 10. पुलिस
आयुक्त, दिल्ली। ऐसे में इन सारे ही डिवाइसेज़ में
उपलब्ध डेटा को ये एजेंसियां कभी भी जांच के लिए मांग सकती हैं।
इसमें डीक्रिप्ट
और इन्क्रिप्ट डेटा भी शामिल होगा। इसकी भी जांच की जा सकती है। साथ ही जिस डिवाइस
की जांच की जा रही है, उससे कोई भी डाटा जांच चलने तक भेजे जाने
से भी रोका जा सकता है।



