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- आयुर्वेद की चोरी रोकने के लिए फॉर्माकोपिया की शुरुआत..
Posted by : achhiduniya
17 December 2018
देश की पुरातन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद की दुनिया में अब कोई
चोरी नहीं कर सकेगा। गाजियाबाद स्थित भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी भेषज संहिता
आयोग ने आयुर्वेदिक दवाओं के फॉर्माकोपिया को ऑनलाइन जोड़ दिया है। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने इसका
शुभारंभ करते हुए बताया कि 700 तरह की आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी भारतीय प्रमाण
के साथ सार्वजनिक की गई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के मानकों को विकसित करने और
उनकी उपयोगिता के साथ क्रियान्वयन के लिए ये बहुत जरूरी कदम था।
इससे न सिर्फ आयुर्वेद औषधियों की गुणवत्ता में
सुधार होगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें
ख्याति भी हासिल हो सकेगी। इस दौरान आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. मनोज नेसरी ने
भी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विकास कार्य पर जोर देते हुए कहा कि विभिन्न
देशों के फॉर्माकोपियल समितियों के साथ भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी भेषज
संहिता आयोग समझौता ज्ञापन कर रहा है। इसका असर यह होगा कि देश के आयुष वैज्ञानिक
औषधियों के मानकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सफल हो सकेंगे।
आयोग के निदेशक ने बताया कि अब अलग अलग मोनोग्राफों को ऑनलाइन मंच पर लाया जाएगा
जिससे ये मानक शीघ्रता से डाउनलोड व प्रभावी किए जा सकेंगे। वहीं एमिल
फॉर्मास्यूटिकल के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने कहा है कि आयुर्वेद क्षेत्र
में सरकार का यह प्रयास ऐतिहासिक है। इस वक्त जहां जापान भारत के साथ मिलकर योग को
अपने यहां लाना चाहता है। वहीं अन्य देशों के लिए भारतीय आयुर्वेद को सात
अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में लाना भविष्य में बड़ा फायदा दे सकता है। कार्यक्रम के
दौरान आयुर्वेदिक भेषज समिति के अध्यक्ष प्रो वीके जोशी, निदेशक डॉ. जीएन सिंह मौजूद रहे।
दुसरी खबर :- डॉक्टरांचा उत्स्फूर्ते प्रतिसाद ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन व ब्लड बैकिंग एक कॉन्क्लेव्ह चर्चासत्राला....
दुसरी खबर :- डॉक्टरांचा उत्स्फूर्ते प्रतिसाद ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन व ब्लड बैकिंग एक कॉन्क्लेव्ह चर्चासत्राला....
नागपूर: विदर्भ सर्जन असोसिएशन, असोसिएशन ऑफ
फिजीशियन ऑफ इंडिया, इंडियन सोसायटी ऑफ क्रिटिकल केअर मेडिसिन, नागपूर ऑब्स्टेट्रिक्स अॅण्ड गायनॉकॉलॉजिस्ट
सोसायटी, इंडियन सोसायटी ऑफ ऍनेस्थेसियोलॉजिस्ट आणि
इंडियन सोसायटी ऑफ ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन यांच्या संयुक्त विद्यमाने हॉटेल सेंटर
पांईट, रामदासपेठ येथे ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन व
ब्लड बैकिंग एक कॉन्क्लेव्ह या विषयावर आयोजित एक दिवसीय चर्चासत्र व कार्यशाळेचे
आयोजन करण्यात आले होते।
ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन व ब्लड बैकिंग एक कॉन्क्लेव्ह या
विषयावर आयोजित एक दिवसीय चर्चासत्र व कार्यशाळेत सुमारे ३५० प्रतिनिधींनी मोठ्या
संख्येने भाग घेऊन उत्स्फूर्ते प्रतिसाद दिला। दोन सत्रात चालणाऱ्या या चर्चासत्राच्या अध्यक्षस्थानी लाइफलाइन
रक्तपेढीचे वैद्यकीय संचालक डॉ. हरिश वरंभे हे होत़े। तर प्रमुख मार्गदर्शक म्हणून
इंडियन सोसायटी ऑफ ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिनचे अध्यक्ष डॉ. आर. एन. मकरू, विभाग प्रमुख प्रा. डॉ. सुनील राजाध्यक्ष, दिल्ली येथील मेदांत हॉस्पिटलच्या ट्रान्सफ्यूजन
मेडिसिन विभागाचे प्रमुख असीम तिवारी, कोकिलावेन
धीरूभाई अंबानी हाँस्पिटल मुंबईचे ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभागाचे प्रमुख डॉ.
राजेश सावंत, डॉ. दीप्ती जैन, डॉ. प्रदीप मिश्रा, डॉ. अब्दुल
कुरेशी, डॉ. ललित राऊत, डॉ. विक्की रुघवाणी, डॉ. रूपेश्री भोयर, डॉ. अभय मते, डॉ. निलम छाजेड डॉ अजय अंबाड़े, डॉ प्रशांत रहाटे आदी उपस्थित होत।
दुसऱ्या सत्रातील आदर्श बीडस
साइड ट्रान्सफ्यूजन आचरण या
कार्यशाळेचे उदघाटन आरोग्य सेवा, नागपूर
विभागाचे उपसंचालक डा. संजय जयस्वाल यांच्या हस्ते करण्यात आले असून यात पोस्ट
ग्रॅज्युएट विद्यार्थी, निवासी ङॉक्टर, वैद्यकिय अधिकारी व नर्स जे खरंतर नियमितपणे
रुग्णांना रक्ताचे हस्तांतरण करतांना रुग्णांना सुरक्षित रक्त संक्रमणासाठी कोणती
कोणती काळजी घ्यावी, याबद्दलची माहिती त्यांनी या कार्यशाळेत
दिली या चर्चासत्र व कार्यशाळेचे संचालन व आभार प्रदर्शन अकादमीचे सचिव डॉ. अजय
अंबाडे यांनी केले। चर्चासत्र व कार्यशाळेला यशस्वी करण्यास्तव डॉ. प्रवीण गडकरी, डॉ. नैनेश पटेल, डॉ.अश्विनी
तायडे यांनी अथक परिश्रम घेतले।




